उर्स-ए-रजवी: अजमेर के संदल और केवड़े से महकी आला हजरत दरगाह, लगाया गया चांदी का द्वार

बरेली में विश्व प्रसिद्ध उर्स-ए-रजवी का आगाज आज से हो रहा है। देश-विदेश से जायरीन यहां पहुंचे चुके हैं। उर्स को लेकर दरगाह आला हजरत रोशन हो रही है। दरगाह पर भव्य सजावट की गई है।

बरेली/उत्तर प्रदेश
बरेली : आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के सालाना उर्स-ए-रजवी के मौके पर दरगाह के गेट पर नक्काशी किया हुआ चांदी का द्वार लगाया गया है। गुंबद-ए-रजा पर सोने का कलश लगाया जाना है। काफी समय से दरगाह को संवारा जा रहा था। आला हजरत उर्स की पूर्व संध्या पर मजार शरीफ पर गुस्ल की रस्म अदा की गई। इसमें अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से आया संदल, केवड़ा और गुलाब पेश किया गया। साथ ही पहली चादर भी चढ़ाई गई।

दीवारों पर खूबसूरत टाइल्स और मजार के अंदर व गली में पत्थर लगाया गया है। सभी काम दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां की निगरानी में हो रहे थे। शुक्रवार रात में दरगाह पर लगाए गए चांदी के द्वार का उद्घाटन सुब्हानी मियां ने सज्जादानशीन अहसन मियां के साथ किया। इसके बाद सभी ने दरगाह पर फातेहा पढ़ी और अहसन मियां ने दुआ की।

मुफ्ती सलीम नूरी ने बताया कि दरवाजा उदयपुर राजस्थान के कारीगरों ने तीन महीने पांच दिन में तैयार किया है। इसमें 20 किलो चांदी का इस्तेमाल हुआ है। अभी चौखट व छोटे दरवाजे पर भी चांदी का काम होना बाकी है। इन सब पर कुल मिलाकर लगभग 32 किलो चांदी लगेगी। दोनों गेट पर गुंबद-ए-रजा की नक्काशी की गई है। उस पर सोने की पालिश कराई जाएगी। गेट पर सुब्हानी मियां का लिखा अशार भी दर्ज किया गया है।

● कलियर का सेहरा और चादर किया पेश

कलियर शरीफ के सज्जानशीन सैयद एजाज मंजर कुद्दूसी अली शाह मियां व नायब सज्जादा यावर मियां ने आला हजरत दरगाह पर सेहरा और चादर भेजी थी। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां व सज्जादा अहसन मियां ने उसे दरगाह शरीफ पर पेश किया। यह सेहरा और चादर कलियर के सज्जादा की ओर से बॉबी साबरी, शाहदाना वली दरगाह के सज्जादा अब्दुल वाजिद खान सैयद असद अली, आजम साबरी नवेद अहमद लेकर पहुंचे थे।

● समय से पहले होगी परचम कुशाई की रस्म

उर्स-ए-रजवी का परचमी जुलूस और गंगा महारानी की शोभायात्रा एक ही दिन पड़ रहे हैं। लिहाजा परचम कुशाई की रस्म समय से पहले अदा की जाएगी। दरगाह के मीडियी प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स की परचम कुशाई का जुलूस रविवार को ही निकलेगा। जिला प्रशासन, दरगाह व गंगा महारानी कमेटी के सामंजस्य से दोनों कार्यक्रमों को शंतिपूर्वक संपन्न कराया जाएगा। इसके लिए परचम कुशाई का जुलूस अपने तय समय से थोड़ा पहले निकाला जाएगा।

● दुल्हन की तरह सजा जामीअतुररजा

कायद-ए-मिल्लत मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती में मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडी सेंटर जामीअतुररजा में तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी मनाया जाएगा। इसको लेकर जामीअतुररजा परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है।

उर्स प्रभारी सलमान मियां ने बताया कि जामीअतुररजा 11 और 12 सितंबर को कार्यक्रम होंगे। जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने बताया कि रविवार को खानकाह ताजुश्शरिया पर सुबह कुरानख्वानी, नात-ओ-मनकबत के बाद मुफस्सिर-ए-आजम का कुल शरीफ सुबह 7:10 बजे होगा। नात-ओ-मनकबत और उलमा की तकरीर के बाद रात 10:35 बजे हुज्जतुल इस्लाम का कुल होगा।

अगले दिन जामीअतुररजा में शाम को 7:14 बजे ताजुश्शरिया का और रात में 1:40 बजे मुफ्ती आजम हिंद के कुल की रस्म अदा की जाएगी। 12 सितंबर को तकरीर के बाद दोपहर 2:38 बजे आला हजरत का कुल होगा। इस दौरान डॉ. मेहंदी हसन, हाफिज इकराम, शमीम अहमद, मौलाना शम्स, मौलाना निजामुद्दीन, नदीम सुभानी, मोईन खान, आबिद नूरी, कारी मुर्तजा मौजूद रहे।

चीफ रिपोर्टर मुकेश मिश्रा