कोरिया: प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला । (वेदप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)
कोरिया: प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अटल जी की जुबान पर माता सरस्वती का वास था। भाषा पर उनका अधिकार और अपनी बात कहने की जो क्षमता थी वह उनके मन की तरह निश्छलता और सफाई के साथ लोगों के दिलों में उतरती थी, जिसके कारण सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी वे सर्वमान्य नेता कहलाते थे। मुख्यमंत्री डाॅ.सिंह आज अपनी मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ की 37वी कड़ी के माध्यम से आकाषवाणी रायपुर केन्द्र से प्रदेष के ढाई करोड़ से अधिक जनता से सीधे संवाद स्थापित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की मासिक रेडियों वार्ता का प्रसारण राज्य में स्थित आकाषवाणी के सभी केन्द्रो के अलावा विभिन्न प्राइवेट टेलीविजन तथा एफ.एम चैनलों द्वारा किया गया। जिसका कोरिया जिलें के गावों, कस्बो और शहरों जैसे कई स्थानों पर लोगो ने भी सामूहिक रूप से श्रवण किया। कलेक्टर श्री नरेंद्र कुमार दुग्गा ने भी मुख्यमंत्री डाॅ. सिंह की मासिक रेडियोवार्ता रमन के गोठ को जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों, विभिन्न छात्रावासी छात्र छात्राओं के साथ जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर के सभाकक्ष में तल्लीनता से सुना। तत्पष्चात कलेक्टर श्री दुग्गा ने उपस्थित छात्रावासी छात्र छात्राओं से आत्मीय बातचीत की और उन्हें मन लगाकर अध्ययन करने एवं परीक्षा में अच्छे परिणाम लाने की समझाईष दी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आर ए कुरुवंशी, नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री राकेश शर्मा और जिला लोक षिक्षा समिति के जिला परियोजना अधिकारी श्री उमेष जायसवाल भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डाॅ. सिंह ने अपने मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी को विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी 1954 में पहली बार लोकसभा सदस्य बन गए थे। प्रखर और स्पष्टवादी वक्ता होने के कारण अटल जी का सम्मान काफी तेजी से बढ़ा। देश, काल और समाज की परिस्थितियों को समझने और सरलता से समाधान निकालने की उनकी कार्यशैली का आकर्षण भी तेजी से बढ़ा। अटल जी पत्रकार, संपादक, कवि, समाजसेवी, लोकहितैषी चिंतक पहले थे और फिर एक राजनेता। उन्होंने अपनी संवेदनशीलता, जनपक्षधरता, उदारता, सिद्धांतों, मूल्यों और आदर्शों के प्रति अटल रहते हुए अपने नाम को सार्थक किया था। यही वजह है कि बिना किसी पारिवारिक, राजनैतिक पृष्ठभूमि के सार्वजनिक और राजनैतिक जीवन में स्थान बनाने वाले अटल जी को देश की जनता प्रधानमंत्री के रुप में देखना चाहती थी। अटल जी ऐसे दूसरे राजनेता बने, जिन्हें तीन बार प्रधानमंत्री का पद मिला।
मुख्यमंत्री डाॅ. सिंह ने अपने मासिक रेडियो वार्ता रमन के गोठ में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जिसके अनुसार धान के समर्थन मूल्य में एक साथ, एक मुश्त 200 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में नगद और लिंकिग में धान खरीदी 1 नवंबर 2018 से शुरू की जाएगी और 31 जनवरी 2019 तक चलेगी। धान खरीदी की अधिकतम सीमा लिंकिंग सहित 15 क्विंटल प्रति एकड़ तय की गई है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ग्रेड ‘‘ए‘‘ धान पर 1770 रुपए और कामन धान पर 1750 प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से 300 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देने पर किसानों को धान की किस्म के अनुसार प्रति क्विंटल क्रमशः 2070 रुपए या 2050 रुपए मिलेंगे। इस प्रकार प्राथमिक सहकारी समितियों के उपार्जन केंद्रों में धान बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य के साथ ही बोनस की राषि भी सीधे उनके खाते में जमा हो जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी एक युगपुरुष थे, छत्तीसगढ़ के लिए उनका विशेष लगाव था। वे छत्तीसगढ़ के निर्माता थे, इसलिए अटल स्मारक में सबका सार्थक योगदान होना चाहिए। छत्तीसगढ़ आज जिन ऊंचाई पर पहुंचा है, वह सब अटल जी की देन है। हम आगे भी उनके सपनों को साकार करेंगे। इसलिए हमने विकास यात्रा के दूसरे चरण को ‘अटल विकास यात्रा’ का नाम दिया है तथा ऐसे अनेक निर्णय लिए हैं जिससे अटल जी का नाम पीढ़ियों-पीढ़ियों तक चलता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने पिछड़ेपन का चोला उतार फेंक दिया है और विकसित राज्यों की दौड़ में मजबूत कदमों से शामिल हो गया है। वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती वर्ष में कैसा होगा, इसके लिए हमने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं और कुछ कदम उठाएं हैं। अब सिर्फ प्रदेशवासियों को ही नहीं देश और दुनिया को भी छत्तीसगढ़ से बड़ी उम्मीदें हैं। इसलिए हमने अटल दृष्टिपत्र बनाने की शुरुआत की है, जिसे नवा छत्तीसगढ़ 2025 कहा गया है। वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ एक स्मार्ट, हरित राज्य होगा, जहां प्रत्येक नागरिक सशक्त, समृद्ध एवं खुशहाल होगा। जहां तरक्की और सामाजिक न्याय एक दूसरे के पूरक होंगे। जहां प्रौद्योगिकी ना सिर्फ आम जनता का जीवन संवारने का माध्यम बनेगी बल्कि पारदर्शी और सहभागी सरकार चलाने में भी प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका होगी।