जरीफनगर: शाम ढलते ही मयखाने में तब्दील हो जाते हैं ढाबे/बेरोकटोक परोसी जाती है शराब रात भर लगा रहता है शराबियो का जमावड़ा पुलिस-प्रशासन ने मूंद ली हैं आँखें। (सोमवीरसिहॅ यादव की रिपोर्ट )

बदायूँ/सहसवान/जरीफनगर:  दहगवां से मुजरिया चौकी के आस पास दायरे में स्थित ढाबो व होटलों में अवैध शराब बिक्री का धंधा जोरो पर है । अवैध रूप से शराब का कारोबार कर रहे ढाबा व होटल मालिक इस धंधे से चाँदी काटने में मशगूल हैं ।शाम ढलते ही इन ढाबो में शराबी तत्वो का जमावड़ा लगने लगता है और ढाबे के पीछे एवं कमरों में खुलेआम इन्हें शराब परोसी जाती है ।अवैंधानिक रूप से इन ढाबों मे शराब बेचने का सिलसिला लंबे समय से जारी है। जवाबदार भी स्वार्थ के चलते इन ढाबों पर कार्रवाई नहीं करते हैं। यही कारण है कि शाम होते ही यह ढाबे मयखाने मे तब्दील हो जाते हैं। इन ढाबा संचालकों के हौसले इतने बुलंद है कि रात की बात तो दूर ये ग्राहकों को दिन के समय भी बाहर बैठकर खुलेआम शराब परोसने में गुरेज नही करते ।इन ढाबों पर शाम होते ही नगर व देहात क्षेत्र के पहुची शराबियों की टोलियां अपना डेरा जमा लेती है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले लोग भी थोड़ी देर यहां पर रुककर जाम से जाम टकराकर ही यहां से निकलते हैं। ऐसा नहीं है कि यह सब कोई चोरी छिपे भीतर होता है, ढाबों के बाहर तथा पीछे की ओर खुले में इन ढाबों पर शराबखोरी चलती रहती है। ढाबो के कचरे में खाली पड़ी बोतले इसका सबूत है

शराब खोरी के बाद तेज गति से दौड़ाते हैं वाहन

इन ढाबों से शराब पीकर निकलने के बाद नशे में धुत लोग सडक़ पर द्रुतगति से अपने वाहन चलाकर निकलते है। जो कि कई बार दुर्घटनाओं का कारण भी बने है। शराब पीकर वाहन चलाने वालों को रोकने या उनकी जाँच की भी कोई व्यवस्था नगर में प्रशासन के पास नही है न ही इस ओर वो ध्यान देते हैं । यदि समय पर कार्रवाई नहीं की जाती हैं तो आने वाले दिनो मे इन्हीं अवैध ढाबों से शराब पीकर निकलने वाले लोग बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर सकते हैं।

किसी को नही पुलिस का भय

चाहे अवैध शराब की खुलेआम बिक्री करने वाले ढाबे मालिक हो या शराबी इनमे किसी को पुलिस का तनिक भी भय नजर नही आता । अवैध शराब के इस धंधे से जहां लोगो की जेबें भरी जा रही है वही युवा वर्ग सहज उपलब्ध शराब के कारण नशेखोरी में संलिप्त होते जा रहे हैं । यदि प्रशासन सख्ती से इन ढाबो में अवैध शराब के धंधे पर कार्यवाही करती तो आज स्थिति कुछ और ही होती, लेकिन कार्रवाई न होने और फायदे का धंधा होने के कारण अवैध शराब की खरीद बिक्री का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।
अब देखना होगा नगर के इर्द गिर्द संचालित ढाबो पर पुलिस असमाजिक तत्व के लोगो व ढाबा संचालक के उपर कब कार्यवाही करेगी

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