बदायूँ: अभिभावकों से अध्यापक पाँच मिनट बात अवश्य करेंः डीएम

बदायूँः  कार्यालयों में अधिकारी एवं कर्मचारी समय से आकर कार्य करें। विद्यालयों में माता पिता अध्यापक एवं बच्चों के साथ प्रत्येक माह एक मीटिंग अवश्य की जाए। बच्चे विद्यालय प्रतिदिन नहा धोकर एवं साफ-सुथरे होकर ही आएं।  अध्यापक एक रजिस्टर बनाकर बच्चे के माता-पिता का नाम नंबर अवश्य दर्ज करें। प्रत्येक अध्यापक क्लास में पढ़ाने से पहले पाँच बच्चों के घर से फोन कर बताई गई बातों का निरीक्षण करें। व्यक्ति के जीवन में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। प्रार्थना के बाद बच्चों को अच्छी संस्कारी बातें अवश्य बताई जाए।
बुधवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने जिला आपूर्ति कार्यालय एवं राजकीय इंटर कॉलेज बदायूं का औचक निरीक्षण किया। जिला पूर्ति कार्यालय में जिला पूर्ति अधिकारी रामेन्द्र प्रताप सिंह, कार्यालय बाबू जितेंद्र, पुष्पेंद्र, नरेंद्र कुमार एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अकील तथा जीआईसी में सरला देवी अनुपस्थित पाई गई। उन्होंने अनुपस्थित देखकर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन काटने के निर्देश दिए और कहा कि इनका स्पष्टीकरण अवश्य लिया जाए। उन्होंने कहा कि समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालय में समय से पहुंचकर लोगों की समस्या सुने। डीएम ने कक्षा 11 एवं  9 का निरीक्षण किया। बच्चे प्रतिदिन विद्यालय में ड्रेस पहनकर एवं साधारण बाल कटाकर ही पढ़ने आए। प्रत्येक बच्चा नहा धोकर साफ सुथरा होकर आना चाहिए। बच्चे अपने माता पिता एवं बड़ों के पैर छूकर विद्यालय में आएं। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कक्षा 9, 10, 11 एवं 12 की पढ़ाई बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसी पढ़ाई से भविष्य उज्जवल होता है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में  एक रजिस्टर बनाया जाए जिस पर  बच्चे के  अभिभावक का नाम पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज किया जाए। प्रत्येक अध्यापक कक्षा में पढ़ाने से पहले  पांच-पांच बच्चों के  घर से बात कर फीडबैक लें  जिससे  उनके अभिभावक भी खुश होंगे और यह भी पता चलेगा कुछ बच्चे घर से तो आते हैं लेकिन विद्यालय नहीं पहुंचते है। सभी बच्चे मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई कर अपने जनपद का नाम रोशन करें। उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि प्रत्येक माह में एक बार अध्यापक बच्चे और उनके माता पिता के साथ बैठक अवश्य की जाए, जिससे अभिभावक भी महसूस करेंगे कि विद्यालय अच्छे से पढ़ाई कर रहा है। विद्यालय में जिस दिन जो बच्चा पढ़ने ना आए उसके घर से अवश्य जानकारी ली जाए कि न आने का क्या कारण है। विद्यालय में प्रार्थना के बाद बच्चों को अच्छे संस्कार की बातें बताई जाए साथ में फोन करके घर से भी पूछा जाए कि विद्यार्थी बताई गई बातों का घरों में पालन कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के घर से बात करके जो फीडबैक मिले उसे रजिस्टर में अवश्य दर्ज किया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.