बदायूँ: उत्तराखंड में सार्थक भ्रमण करते बीएड प्रशिक्षु।

बदायूं: बीएड प्रशिक्षुओं ने देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य की हाईक कर ऐतिहासिक, धार्मिक, दर्शनीय और तीर्थ स्थलों का सार्थक भ्रमण किया। प्रकृति के सानिध्य में नये स्थान की खोज कर जीवन जीने की कलाओं को सीखा। घनें जंगलों, पहाड़ों और कंदराओं के बीच साहस का अनोखा परिचय भी दिया।
बाबू राम सिंह भाय सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय बबराला के प्राचार्य डाॅ. एमपी सिंह ने हाईक को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था। उन्होंनेे कहा कि भारत का इतिहास, संस्कृति और सभ्यता को जानने के लिए हाईक नितान्त जरूरी और श्रेष्ठतम है। महाविद्यालय के कार्यालय अधीक्षक योगेंद्र सिंह यादव ने कहा कि सार्थक भ्रमण किसी उपलब्धि से कम नहीं है। हाईक प्रभारी डाॅ. कंचन त्रिपाठी ने हाईक का मार्ग दर्शन किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षक बच्चों की रूचियों को पहिचानें और उनकी नवीन ऊर्जा को सृजन के कार्य में लगाऐं, तो निश्चित ही बच्चे सौ मनकों में चमकने वाले हीरे बनेंगे। श्री शर्मा के नेतृत्व में बबराला डिग्री कालेज के बीएड छात्राध्यापक-छात्राध्यापिकाओं ने देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य की हाईक कर मां गंगा की भव्य आरती, हर की पैड़ी, चण्डीदेवी, मनसा देवी, गोरखनाथ मंदिर, ब्रह्मकुंड, भीमगोड़ा कुण्ड, भूमा निकेतन, वैष्णो देवी मंदिर, भारत माता मंदिर, सप्तऋषि आश्रम, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार, 1926 से प्रज्ज्वलित अखण्डज्योति दर्शन, ब्रह्मवर्चस्व शोध संस्थान, शांति निकेतन, पारे का शिवलिंग, प्राचीन दक्ष प्रजापति मंदिर, शीतलादेवी मंदिर, श्री वीरभद्र व्यास मंदिर, तिल भांडेश्वर महादेव, इंडिया टेम्पल, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, ऋषिकेश में राम झूला, लक्ष्मण झूला, रघुनाथ मंदिर, शिवानंद झूला, स्वर्ग आश्रम, गीता भवन, परमार्थ निकेतन, जयराम अन्न क्षेत्र, शंकराचार्य नगर, त्रिवेणी घाट, नीलकंठ महादेव मंदिर, देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर, द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा की जन्म स्थली, सहस्त्रधारा, गुच्चु पानी, श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर, मसूरी में काॅम्पटी फाॅल, झील, रामनगर में पहाड़ों वाली श्री गिरजादेवी मंदिर, भैरो गुफा, लक्ष्मीनारायण मंदिर, जिम काॅर्बेट पार्क, काॅर्बेट संग्राहलय, हनुमान मंदिर आदि के अलावा नदियों, पहाड़ों, झीलों, झरनों, जंगलों का सार्थक भ्रमण कर साहसिक क्रियाकलापों में हिस्सा लिया। पशु-पक्षियों का रहन-सहन और जीवन जीने की कलाओं को जाना।
शिक्षक मुकेश कुमार, पंकज कुमार ने बीएड प्रशिक्षुओं के श्रेष्ठ कार्यों की सराहना की। इस मौके पर प्रशिक्षु प्रतिभा, ज्योति, भावना, हिमानी, रेनू, नरेंद्र, पूनम, शैली, शिवानी, दीप्ति, प्रियंका, स्वाति, मनीष, पुनीत, मोहित आदि मौजूद रहे।

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