बदायूँ: कुपोषित बच्चों को एनआरसी में कराएं भर्ती
बदायूँ : सुपोषण स्वास्थ्य मेला जनपद स्तर पर जिला महिला चिकित्सालय, बदायूॅ एवं प्रत्येक विकास खण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सभी 322 ए0एन0एम0 सब-सेन्टरों पर किया गया। जिला महिला चिकित्सालय में आयोजित सुपोषण स्वास्थ्य मेले का उद्धाटन मुख्य अतिथि सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता ने फीता काटकर शुभारंभ किया एवं प्रदशर्नियों का अवलोकन किया। सदर विधायक ने कहा कि बीमारी एवं कुपोषण से मुक्ति पाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें तथा अपने आसपास भी साफ-सफाई रखें। प्रधानमंत्री का सपना है कि हमारा देश स्वच्छ एवं कुपोषण मुक्त भारत बने।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार चिंतित है कि कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न होने पाए, आशा एवं आंगनबाड़ियों द्वारा दी जा रही जानकारियों पर ध्यान दें एवं इसे अपनाएं। जन्म से एक घंटे के भीतर मां का अपना दूध बच्चे को अवश्य पिलाया जाए, यह दूध अमृत के समान होता है। कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराएं जिससे वह सामान्य श्रेणी में आ सके। पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन) के उद्देश्य है। मुख्य रूप से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के कुपोषण की रोकथाम, बौनापन एवं व्याप्त एनीमिया की स्थिति मे सुधार, 15 से 49 वर्ष के मध्य किशोरियों एवं महिलाओं मे एनीमिया की व्यापक्ता मे कमी के साथ-साथ जन्म के समय कम वजन की स्थिति मे 02-03 प्रतिशत की प्रतिवर्ष कमी लाना है। अभियान मे उपर्युक्त आयु वर्ग के बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य से कार्यकर्ताओं, लाभार्थियों और समुदाय मे बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन व उन्हें प्रोत्साहित करने पर बल दिया जाएं। इस कार्य को जन आन्दोलन के रूप मे किया जाना है जिसके लिए प्रदेश मे सुपोषण स्वास्थ्य मेले की परिकल्पना की गयी है। उत्तर प्रद्रेश शासन की मंशा के अनुरूप कुपोषण से मुक्ति का संदेश जन-जन तक पहॅुचाना ही उक्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।