बदायूँ: जनपद में शिक्षा का हो बेहतर स्तर : डीएम
बदायूं : जनपद में शिक्षा का स्तर उठाने में सभी लोग सहयोग करें। अध्यापक की जिम्मेदारी है कि जो बच्चा प्रतिदिन विद्यालय न आए उसके माता-पिता से संपर्क करें। कोई भी बच्चा अशिक्षित न रहने पाए। बच्चों को सांस्कारिक एवं सामाजिक ज्ञान दिया जाए।
मंगलवार को श्री कृष्णा इंटर कॉलेज के सभागार में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की नकलविहीन परीक्षा कराए जाने पर परीक्षा में लगे स्टैटिक मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डीएम ने कहा कि बड़े हर्ष की बात है कि जनपद में पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों ने नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराई है। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापकों से इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में फेल हुए बच्चों का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह से समस्त अधिकारी एवं अध्यापक मिलकर कार्य करके जनपद में शिक्षा का स्तर बदलना है। शिक्षा का स्तर बदलने में सभी लोगों की सहभागिता होना बहुत जरूरी है तभी यह कार्य संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पढ़ाना पड़ेगा और अब बच्चों को पढ़ना पडे़गा। मेहनत से पढ़ाई करने से प्रतिभाएं उभरकर सामने आती है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति शत प्रतिशत होनी चाहिए और जो बच्चा विद्यालय न आए अध्यापक उसके माता-पिता से संपर्क कर उसके विद्यालय न आने का कारण अवश्य पूछें। अभिभावक एवं बच्चों के बीच अध्यापक अच्छा तालमेल बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि पूर्व में पढ़े विद्यार्थियों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किया जाए, जिससे लोगों का स्कूल से जुड़ाव बना रहे। एसएसपी ने कहा कि अध्यापक देश का भाग्य विधाता होता है, जीवन में उनका बहुत महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि बच्चों को बताया जाए कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन न चलाएं। परीक्षाएं हमेशा नकलविहीन कराई जाएं। इस अवसर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी पारसनाथ, जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव सहित समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।