बदायूँ: राजकीय मेडिकल कालेज को भूमि देने वाले कृषकों ने नौकरी और पूर्ण मुआवजे की मांग को लेकर किया प्रदर्शन।

बदायूँ: राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं को भूमि देने वाले सैकड़ों कृषक भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट के नेतृत्व में नौकरी और पूर्ण मुआवजे की मांग को लेकर प्रात: 09 बजे मालवीय आवास गृह बदायूं पर एकत्र हुए तथा प्रदर्शन के उपरांत  मुख्य मंत्री को सम्बोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी बदायूं को सौंपा।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना को भूमि देने वाले कृषकों के साथ धोखा किया गया है। समझौते के बाद भी पूरा मुआवजा नहीं दिया गया और न हीअब तक नौकरी ही दी गई है। जनपद बदायूं में मनमाने ढंग से उद्योगपतियों को किसानों की भूमि खरीदने की अनुमति दे दी गई है, उद्योगपति माफियाओं के सहयोग से डरा धमकाकर किसानों की भूमि कम मूल्य पर खरीद रहे हैं। जबकि सर्किल रेट के चार गुना मूल्य पर भूमि क्रय करने की व्यवस्था है। किसानों के साथ धोखा करके भूमि लेने के उपरांत भी उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है।दातागन्ज तहसील में सोलर प्लांट की स्थापना लोकहित में दर्शाकर किसानों की भूमि कम मूल्य पर ले ली गई किन्तु बदायूं जनपद के नागरिकों को रोजगार नहीं दिया गया। जनपद बदायूं में व्यवस्था का उल्लघंन करके किसानों की भूमि किसी भी परियोजना को देने का हर स्तर पर विरोध किया जायेगा। आवश्यकता पड़ने पर न्यायपालिका का आश्रय भी लिया जायेगा।
श्री राठोड़ ने कहा कि कर्मचारी संगठन हड़ताल करते हैं तो दबाव में उनकी मांगे मान ली जाती है। लेकिन जिस दिन किसान ने हड़ताल कर दी,अनाज, सब्जियां और दूध का विक्रय बन्द कर दिया, अपने बेटों को देश की सीमा पर से घर वापस बुला लिया तो जो सन्कट उत्पन्न होगा उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए शासन और प्रशासन में बैठे लोग किसान विरोधी मानसिकता का त्याग कर दें इसीमे देश और समाज का भला है। मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि देने वाले कृषकों को शीघ्र नौकरी दी जाये,पूरा मुआवजा दिया जाए, अवैध कब्जा करके मेडिकल कॉलेज में शामिल की गई कृषक महेश की भूमि मुक्त की जाये, लम्बित जांच शीघ्र पूरी कराकर आख्या सार्वजनिक की जाये अन्यथा जनपद बदायूं के कृषक उग्र आंदोलन को विवश होंगे।
इस अवसर पर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य सहयोगी डॉ एस के सिंह, सुरेश चंद्र गुप्ता, रामप्रकाश,एम एच कादरी एवं एम एल गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रर्दशन में प्रमुख रूप से रामगोपाल, शिवोम शन्खधार, अखिलेश चौहान,असद अहमद, वीरेन्द्र कुमार, नेत्रपाल,भारत सिंह, हरिओम, सोनपाल, भगवान दास, नरवीर, ओमेंद्र पाल, लालाराम, हेमराज,रामप्यारी, सोमवती, बेचेलाल, प्रदीपकुमार, जयपाल सिंह सहित सैकड़ों पीड़ित किसान उपस्थित रहे।

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