बिल्सी: पठानकोट, पंजाब में संचालित वैदिक संस्कार वाटिका में आज आचार्य संजीव रूप का भव्य स्वागत हुआ ।

बदायूँ/बिल्सी: पठानकोट, पंजाब में संचालित वैदिक संस्कार वाटिका में आज आचार्य संजीव रूप का भव्य स्वागत व अभिनंदन किया गया संस्कार वाटिका की बेटियों ने स्वागत गीत गाए संस्था के अधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर उनका अभिनंदन किया । इस अवसर पर आचार्य संजीव रूप ने बच्चों को सुंदर उपदेश किए और उन्हें संस्कारों का महत्व समझाते हुए बताया कि संस्कार वह प्रक्रिया है जो वस्तु को मूल्यवान बनाती है , माता पिता गुरु के सानिध्य में रहकर हम संस्कारित होते हैं और महान बनते हैं। हमें नदी की तरह होना चाहिए जैसे नदी आरंभ से ही अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लेती है और उसको पाने के लिए पूरे पुरुषार्थ से बढ़ती वैसे ही हमें भी अपने जीवन के लक्ष्य मोक्ष को निर्धारित कर लेना चाहिए और सब सामर्थ्य से लक्ष्य को पाने के लिए वढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा शिक्षा का मुख्य उद्देश्य चरित्र का निर्माण हैं।यदि आप चरित्रवान है तो आप सही मायने में देश के सबसे महान नागरिक हे। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अशोक आर्य संचालक पंडित सुनील शास्त्री सहयोगी संजीव तुली ,संजीव महाजन पंकज महाजन आदि।

(नईम अब्बासी की रिपोर्ट)

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