बिल्सी: पतजंलि योग समिति के प्रशिक्षक गौरव राठी ने यहां बच्चों को योग का प्रशिक्षण दिया।

बिल्सी :   तहसील क्षेत्र के गांव पुसगंवा स्थित वैदिक गुरुकुल में आज सोमवार से तीन दिवसीय योग प्रशिक्षण शुरु किया गया। जिसमें पतजंलि योग समिति के प्रशिक्षक गौरव राठी ने यहां बच्चों को योग का प्रशिक्षण दिया। पहले दिन उन्होने अनलोम-विलोम के साथ वज्रासन प्रशिक्षण दिया। उन्होने बतया कि व्रज का अर्थ होता है कठोर और दूसरा यह कि इंद्र के एक शस्त्र का नाम वज्र था। इससे पैरों की जांघें मजबूत होती है। शरीर में रक्त संचार बढ़ता है। पाचन क्रिया के लिए यह बहुत लाभदायक है। भोजन पश्चात इसी आसन में कुछ देर बैठना चाहिए। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। घुटनों में दर्द होने की स्थिति में यह आसन न करें। इस आसन से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। इससे रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं। इससे शरीर में रक्त संचार समरस होता है और इस प्रकार शिरा के रक्त को धमनी के रक्त में बदलने का रोग नहीं हो पाता। यही एकमात्र ऐसा आसन है जिसे आप खाना खाकर भी कर सकते हैं। इससे भोजन आसानी से पचता है। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। शरीर को सुडौल बनाए रखता है। वजन कम करने में मददगार है। अपच, गैस, कब्ज इत्यादि विकारों को दूर करता है। इस आसन में धीरे-धीरे लंबी और गहरी सांस लेने से फेफ ड़े मजबूत होते हैं। इस मौके पर गुरुकुल संचालक प्रणम मिश्रा आदि मौजूद रहे।
नईम अब्बासी की रिपोर्ट

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