सतना: एक माँ अपने बेटे की लाश अपनी ही गोद में ले जाने का दर्दनाक नज़ारा। (भागीरथ सिंह तिवारी की रिपोर्ट)

सतना: एक माँ अपने बेटे की लाश अपनी ही गोद में ले जाने का दर्दनाक नज़ारा आज सतना की सड़कों में देखने को मिला, जिंदा बेटे को गोद मे खिलाने वाली माँ की गोद आज मरे हुये बेटे से भरी है, गोद मे अपने कलेजे के टुकड़े की लाश ले जाते हुये उस माँ के दिल मे क्या गुजर रही होगी अंदाज लगाना मुश्किल है, असंवेदनशील सरकार की गैरजिम्मेदार सतना पुलिस की करतूत सामने आई है, एक माँ से उसके मरे हुये बेटे की लाश उठवाकर मरचुरी तक भेजी गई, एक मजबूर माँ लोकतांत्रिक सरकार के नौकरशाहों का हुक्म मानने को मजबूर हो गयी, और अपनी गोद में बेटे की लाश लेकर बीच बाजार होते हुये जिला अस्पताल की मरचुरी तक ले गयी!

पढ़िए क्या है पूरा मामला:
सतना की पुलिस का जल्लाद रूपी बदनुमा चेहरा एक बार फिर सामने आया है, दरअसल मानिकपुर निवासी कमलेश कुमारी अपने तीन वर्षीय बेटे विजय बसोर एवं सास के साथ सतना रेल्वे प्लेफॉर्म नंबर दो पर सो रही थी, रात तीन बजे अचानक विजय गायब हो गया, नींद खुलने पर माँ कमलेश बसोर और उसकी सांस ने ढूंढना शुरू किया, जब बेटा नही मिला तो शिकायत लेकर पुलिस थाने गई, पुलिसकर्मियों ने शिकायत दर्ज कर ढूंढने में मदद की बजाय माँ और सांस को ढूंढने को कहकर थाने से वापस कर दिया, तानों तन्हा दोनो महिलाएं अपने बेटे को ढूंढती हुई जैसे ही इंदिरा कालेज के पास पहुंची नाली में बेटे विजय की लाश मिली, बेटे की लाश देखते ही दोनो होश उठ गये, रोना पिटना होने से भीड़ लग गयी, जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई, मौका मुआयना जांच तफ्तीश के बाद नाली से लाश निकली गयी, लाश मिलने पर माँ ने बेटे का अपहरण कर हत्या का आरोप लगाया,
मामले में पुलिस की भूमिका:
पुलिस लाश कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु शव वाहन को बुलाया लेकिन वाहन नही आया, सतना की सिटी कोतवाली पुलिस असंवेदनशीलता दिखाते हुए जल्लाद बन गई, एक मां को बेटे की लाश मरचुरी तक ले जाने आदेश दे दिया, गरीब दुखी लाचार और मजबूर मां पुलिस का हुक्म मानने को मजबूर हो गई और बेटे की लाश गोद में लेकर बीच बाजर सड़कों से होते हुये मरचुरी तक ले गई, सतना की जल्लाद पुलिस और पुरुष प्रधान समाज एक मां की लाचारी देखता रहा, किसी ने भी रोकने टोकने और मदद की कोशिश तक नहींं की, घटनास्थल पर लाश को कब्जे में लेना और पोस्टमार्टम कराकर शव घर पहुंचाना पुलिस एवंं जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होती है, इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह तस्वीरें सरकार और उनके नुमाइंदों के कारनामे को उजागर कर रही हैं, देखना दिलचस्प होगा कि इस अमानवीय कृत्य पर इंसाफ होगा या दूसरे मामलों की तरह यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा ।

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