बदायूँ: हर ज़रूरतमंद को मिले लोन : डीएम
बदायूँः किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए खेती के साथ-साथ पालन करना अति आवश्यक है। बैंकों द्वारा किसानों को पशुपालन के लिए दिए गए पैसे अन्य किसी कार्य में न लगाएं। किसान पशुओं के दूध के साथ साथ उनके गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल करें जिससे यूरिया एवं डीएपी की मात्रा कम डालनी पड़ेगी और फसल का अच्छा उत्पादन मिलेगा। वर्मी कंपोस्ट खाद से तैयार किया गया अनाज महंगा बिकेगा। लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी नहीं होंगी।
बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में शेखुपुर विधायक धर्मेंद्र शाक्य, जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन उमेश राठौर, एलडीएम श्याम पासवान एवं अंकुर निगम व अन्य अधिकारियों ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत जिला विकास प्रबंधन नाबार्ड और अग्रणी जिला प्रबंधक ने लगभग एक सौ लाभार्थियों को 1 करोड़ 88 लाख रुपए के लोन के स्वीकृत पत्र वितरित किए। विधायक ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक किसान की आय सन 2022 तक दोगुनी करने लिए कृषि कार्य के साथ साथ पशुपालन करना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि गांवों में कृषको के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की लाभकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव से लोग पूरा लाभ नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने कहा कि समस्त लाभकारी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाई जाए। किसान खुश होगा तो जनपद खुश होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि किसान पशुओं से दूध उत्पादन के साथ गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर खेतों में इस्तेमाल करें जिससे खेतों में पड़़ने वाले रासायनिक उर्वरक यूरिया डीएपी की आवश्यकता नहीं होगी और जैविक खाद से उत्पादन की गई फसल महंगी बिकेगी जिससे लोगों में बीमारियां नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को फिर से 200 किसानों को लोन स्वीकृत प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे तथा 1500 मुद्रा लोन योजना अंतर्गत 1500 लाभार्थियों को लोन स्वीकृत पत्र वितरित किए जाएगे। उन्होंने किसानों को बताया कि वर्मी कंपोस्ट खाद के लिए सात बाई तीन वाई एक का गड्ढा बनाकर कृषि विभाग द्वारा 6000 रुपए का अनुदान मिलता है जिससे किसान खेतों के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट खाद 45 दिनों में बना कर खेत में डाल सकते हैं। उन्होंने समस्त बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों द्वारा लोन के लिए भेजे गए आवेदन पत्रों को एक रजिस्टर बनाकर दर्ज करें। उन आवेदनों को एक सप्ताह के अंतर्गत लिखित में सुनिश्चित करें कि लोन मिलेगा या नहीं मिलेगा कारण स्पष्ट लिखा जाए। पूर्व विधायक प्रेम स्वरूप पाठक ने कहा कि किसानों को जानवरों से प्रेम करना चाहिए तथा उनके खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे दूध उत्पादन अच्छा मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान अच्छे ढंग से पशुपालन करके दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में प्रदेश में अपना जनपद को प्रथम स्थान पर लाने में सहयोग करें। उमेश राठौर ने कहा कि कृषकों को जिस कार्य के लिए पैसा दिया जा रहा ह,ै वह ईमानदारी से उसी काम में लगाएं। कृषक हरियाणा, पंजाब से अच्छी-अच्छी नस्ल की गाय एवं भैंस लाकर दूध उत्पादन का कार्य युद्ध स्तर पर करें। अंकुर निगम ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सामान्य, ओबीसी के लिए 25 प्रतिशत एवं एससी-एसटी के लिए 33 प्रतिशत पशुपालन लोन पर सब्सिडी दी जाती है।