कोरिया: सफाई नहीं होने के कारण यह पारंपरिक जलस्त्रोत डस्टबीन बनता जा रहा। (वेदप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)
कोरिया/चिरमिरी। बड़ा बाजार का सीताकुण्ड अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। जबकि यह कुआं पानी का बड़ा स्रोत है। सफाई नहीं होने के कारण यह पारंपरिक जलस्त्रोत डस्टबीन बनते जा रहा हैं। यदि इस कुआं की साफ-सफाई कर जीर्णोद्धार किया जाए तो पानी की कमी को दूर किया जा सकता है। बता दें कि सीताकुण्ड की इस दुर्दशा के जिम्मेदार प्रशासन सहित स्थानीय लोग भी है। जिनके द्वारा स्वयं उपयोग में लाने वाले से पानी के स्रोत में गंदगी फैलाई गई है।
यहां के पानी को उपयोग में लाने वाले लोगों के द्वारा कई बार प्रशासन से इसकी साफ सफाई की मांग की गई है, लेकिन फिर भी इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है। टीकरा पारा और बड़ा बाजार के अम्बर गुप्ता, अंकित जायसवाल, अल्लू केशरवानी ने बताया कि इसकी सफाई को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहा गया है, फिर भी इसकी सफाई और जिर्णोद्धार नही किया गया। गौरतलब है कि नगर निगम क्षेत्र में डेढ़ दर्जन से ज्यादा पुराने कुएं उपयोगहीन पड़े हैं। प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। जिसके कारण अब इन कुओं का अस्तित्व खत्म होता जा रहा है।
कभी इन कुओं पर निर्भर रहता था शहर
सीताकुण्ड का पानी कभी बड़ा बाजार छोटा बाजार रहवासियों की प्यास बुझाने के साथ निस्तारी के काम में उपयोग किया जाता था। लेकिन अब इनका ख्याल लोग तब करते है जब नगर निगम की पानी सप्लाई हफ्तो हफ्तो तक नही होती।
डस्टबिन बनकर रह गए कुएं
सफाई और गहरीकरण नहीं होने के कारण पारंपरिक जलस्त्रोत डस्टबीन बनते जा रहे हैं। कुओं की सफाई नहीं होने से कुओं में पानी तो है, लेकिन दूषित हो चुका है जिसके कारण लोग इस पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।