बिल्सी : चित्रगुप्त जी महाराज मंदिर में आज चित्रांश परिवार की ओर से भगवान चित्रगुप्त जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

बिल्सी : स्थानीय चित्रगुप्त जी महाराज मंदिर में आज चित्रांश परिवार की ओर से भगवान चित्रगुप्त जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई! इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित कवि गीतकार नरेंद्र गरल, खाद्य व्यवसायी अजीत सक्सेना, समाजसेवी ओम बाबू सक्सेना कवि वीरेंद्र सक्सेना ,प्रधान वीरेंद्र सक्सेना ,विनोद सक्सेना, श्री आलोक सक्सैना संजीव सक्सेना कुलदीप सक्सैना, आलोक सक्सैना,अशोक सक्सेना अभिलाष चंद्र सक्सेना ,राहुल सक्सेना ,शिवम सक्सेना ,अखिल सक्सेना ,अतुल सक्सेना ,हर्षित सक्सैना मौजूद रहे । सर्वप्रथम चित्रगुप्त भगवान की आरती की गई । आरती के पश्चात सुप्रसिद्ध गीतकार नरेंद्र जोहरी ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त सब मनुष्यों के कर्मों के लेखा-जोखा रखने वाले हैं हम सभी जानते हैं कि मनुष्य को कर्मों का फल भोगना होता है कर्मों से ही बंधन है कर्मों से ही मुक्ति है। अजीत सक्सेना ने कहा कि यदि मनुष्य अच्छे काम करें तो उसको सदा सुख ही हो किंतु मनुष्य थोड़े से लोग के चलते ईष्र्या द्वेष के चलते बुरे काम करता है यही कारण है कि उसे दुख मिलता है । ओमबाबू सक्सेना ने कहा भगवान चित्रगुप्त महाराज किसी के साथ भेदभाव नहीं करते वह यथावत सभी का करम देखते और लेखन करते हैं। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध वेद कथाकार आचार्य संजीव रूप भी मौजूद रहे उन्होंने कहा कि सृष्टिकर्ता परमेश्वर ने मनुष्य के शरीर की सर्वप्रथम रचना की और इस रचना को काया कहा गया काया में जो स्थित है उसे कायस्थ कहा जाता है अर्थात सृष्टि के आरंभ में कायस्थ ही अवतरित हुआ कायस्थ के फिर चार वर्ण हुए – ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र ! इसलिए कायस्थ सर्वोपरि है! कार्यक्रम का संचालन उमंग राज ने किया और अजीत सक्सेना ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और सभी का आभार श्री ओम बाबू सक्सेना ने व्यक्त किया l
नईम अब्बासी की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *