बदायूँ: मुख्य मंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना

बदायूँः जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि निराश्रित, बेसहारा गोवंश के इच्छुक, पशुपालकों अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किये जाने हेतु मुख्य मंत्री निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना शुरू की गयी है।
इस योजना के अन्तर्गत निराश्रित, बेसहारा गोवंश के संरक्षण, भरण पोषण हेतु सहभागिता बढाने के उद्देश्य से इच्छुक कृषकों, पशुपालकों, अन्य व्यक्तियों को 24 जुलाई 2019 तक स्थाई, अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंश को, जो गोवंश के भरण पोषण, संरक्षण एवं सवर्द्धन के इच्छुक हैं, को जिला प्रशासन के माध्यम से चिन्हित कर सुपुर्दगी में दिया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ऐसे इच्छुक पशु पालको को अधिकतम 4 गोवंश, जिला प्रशासन, द्वारा संचालित गोवंश आश्रय स्थल के माध्यम से सुपुर्दगी में देकर 30रू0 प्रति पशु प्रतिदिन की दर से, कुल रू0 900 प्रति माह, अधिकतम 3600रू0 की धनराशि पशुपालक के खाते में डी0बी0टी0 की प्रक्रिया द्वारा हस्तांतरित की जायेगी।
इच्छुक कृषकों, पशुपालकों, अन्य व्यक्तियों का चयन विकास खण्ड स्तरीय समिति की संस्तुति के क्रम में जनपद स्तरीय समिति के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा। आवेदन के लिए यह आवश्यक है कि इच्छुक कृषक, पशुपालक, अन्य व्यक्ति उस विकास खण्ड का मूल निवासी हो तथा वर्तमान में निवास कर रहा हो। पशुओं का पालन पोषण पूर्व से कर रहा हो, दुग्ध समिति से जुडे कृषक,पशुपालक, पेरावेट, पशुमित्र को प्राथमिकता दी जायेगी।
आवेदनकर्ता का आवेदन की तिथि को उसके नाम का राष्ट्रीयकृत,शेडयूल बैंक में आधार लिंक क्रियाशील बचत खाता होना आवश्यक है तथा साथ ही उसके पास गोवंश रखने हेतु पर्याप्त स्थान हो। आधार कार्ड, वोटर कार्ड आईडी, राशन कार्ड की साफ प्रति प्रारूप पर आवेदन के समय लगायी जाये। सुपुर्दगी में दिये गये गोवंश का लेखा जोखा स्थानीय पंचायत समिति के माध्यम से विकास खण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय पर रखा जायेगा जनपद को कुल संरक्षित 6343 गोवंश के सापेक्ष 2309 गोवंश सुपुर्दगी में दिये जाने का लक्ष्य शासन से प्राप्त हुआ।
सुपुर्दगी में दिये गये गोवंश का प्रत्येक 3 माह पर जिलाधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जायेगा। सुपुर्दगी में दिये गये गोवंश को किसी भी दशा में विक्रय, स्थानापन्न अथवा छुटटा नहीं छोडा जायेगा जिसके अनुश्रवण की जिम्मेदारी सम्बन्धित लेखपाल, पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं पशुधन प्रसार अधिकारी की होगी।

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