बदायूँ: बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजें अभिभावक: डीएम
बदायूँ: डीएम ने अभिभावकों से कहा है कि बच्चों को सबसे पहले स्कूल भेजें, घर के काम बाद में कराएं। जीवन में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है, बिना इसे हासिल किए हुए कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। जो अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं, वह उनके भविष्य को अंधकार की ओर ढकेल रहे हैं। इस लिए बच्चों को शिक्षा अवश्य ग्रहण कराएं, जिससे उनका बच्चा बड़ा होकर एक कामयाब व्यक्ति बने और माता-पिता का नाम रोशन करे।
बुधवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने विकासखण्ड जगत अन्तर्गत ग्राम किसरुआ के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय के एक ही कक्ष में संचालित आंगनबाड़ी के दो केन्द्र में आंगनबाड़ी कार्यकत्री कल्लो देवी मौके पर मिली। डीएम ने उनसे वज़न मशीन के संदर्भ में पूछा तो उन्होंने बताया कि मशीन उनके घर पर है। डीएम ने उनकी फटकार लगाते हुए कड़े निर्देश दिए कि तत्काल वज़न मशीन घर से लाकर आंगनबाड़ी केन्द्र पर रखी जाए। आंगनबाड़ी केन्द्र का अपना कोई शौचालय नहीं है, परिसर में विद्यालय के ही शौचालय बने हुए थे, जिनमें ताला लगा पाया गया। यहां तैनात सुपरवाइज़र मौके पर नहीं मिली। डीएम को बताया कि यह आंगनबाड़ी केन्द्र पर नहीं आती हैं। डीएम ने उनका एक दिन के काटने और स्पष्टीकरण के निर्देश दिए हैं। आंगनबाड़ी सहायिका अनुपशिला डीएम के प्रश्नों का कोई संतोषजनक उत्तर न देने पर उन्होंने सहायिका के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय की कक्षाओं में पहंुचकर उसका निरीक्षण किया। दोनों विद्यालयों में 10 अध्यापक तैनात हैं, जिसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सुशील अवकाश पर एवं सहायक अध्यापक ओमी अनुपस्थित मिले। सुशील द्वारा वरिष्ठ अध्यापक को चार्ज दिए बिना अवकाश के जाने पर डीएम ने एबीएसए का जवाब तलब बीएसए से किया है कि विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक के रूप में प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्या नीतू सिंह मौजूद हैं, तो इनको चार्ज क्यों नहीं दिया गया एवं सहायक अध्यापक ओमी के वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्यालयों की कक्षाओं को देखते हुए उसमें रंगाई-पुताई के भी निर्देश दिए हैं। विद्यालय परिसर गंदा मिलने पर सफाई कर्मचारी राजाबाबू की फटकार लगाते हुए प्रतिदिन नियमित सफाई करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने बच्चो की दक्षता परखने के लिए गिनती पहाड़े सुने एवं उनसे ब्लैकबोर्ड पर सवाल हल कराए तो कुछ ही बच्चे इसे कर पाए। डीएम ने इस पर भी नाराज़गी व्यक्त की।
इतने बच्चे मिले मौजूद – कक्षा एक में 32 के सापेक्ष 15, कक्षा दो में 37 के सापेक्ष 13, कक्षा तीन में 47 के सापेक्ष 18, कक्षा चार में 48 के सापेक्ष 19, कक्षा पांच में 53 के सापेक्ष 24, कक्षा छः में 39 के सापेक्ष 14, कक्षा सात में 39 के सापेक्ष 15, कक्षा आठ में 25 के सापेक्ष 06 बच्चे, कुल 320 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष 124 बच्चे ही दोनों विद्यालयों में अनुपस्थित मिले तथा 196 बच्चे अनुपस्थित पाए गए। डीएम ने नाराज़गी कर प्रधानाचार्य नीतू चैहान की कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि विद्यालयों में बच्चों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए, जो बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं, उनको घर से बुलाकर लाया जाए, अभिभावक बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेंजे।