कोरिया: खड़गवाँ स्थित माँ महामाया देवी मन्दिर के पहुँच मार्ग की जीर्ण-शीर्ण दुर्दशा से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने डामरीकृत सड़क के नवनिर्माण एवं स्ट्रीट लाईट की तत्काल व्यवस्था किये जाने की माँग की । (वेदप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)
कोरिया। सम्पूर्ण जिले सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश में सिद्ध शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध जनभावनाओं की आस्था का केन्द्र चनवारीडांड खड़गवाँ स्थित माँ महामाया देवी मन्दिर के पहुँच मार्ग की जीर्ण-शीर्ण दुर्दशा से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने डामरीकृत सड़क के नवनिर्माण एवं स्ट्रीट लाईट की तत्काल व्यवस्था किये जाने की माँगो को लेकर क्षेत्र के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय प्रकाश पटेल 8 अक्टूबर विजयादशमी को प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराने मन्दिर के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। पूरे दिन क्षेत्रवासियों, ग्रामीण अंचल के नागरिकों व मीडिया प्रतिनिधियों सहित सम्पूर्ण प्रशासनिक अमला की आवाजाही धरना स्थल पर बनी रही. शाम होने से पहले ही एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी इत्यादि शासन-प्रशासन सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एकत्रित हो गए थे । प्रशासन के अधिकारियों द्वारा धरना-आंदोलन समाप्त करने प्रयास किये जा रहे थे किन्तु श्री पटेल इस बात पर अडिग थे कि जिले के कलेक्टर, क्षेत्रीय विधायक ,पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारियों एवं सम्बन्धित ठेकेदार से वो धरना-स्थल पर ही बात करना चाहते हैं और जब तक उन्हें सड़क-निर्माण के त्वरित कार्ययोजना को लिखित रूप में नहीं दिया जावेगा, उनका आन्दोलन जारी रहेगा .दूर होने के कारण विधायक डॉ०विनय जायसवाल ने मोबाईल पर श्री पटेल से बात कर वहाँ तत्काल नहीं पहुँच पाने पर खेद व्यक्त करते हुए बहुत जल्द सड़क-निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाने की जानकारी देते हुए धरना समाप्त घोषित करने का आग्रह करते रहे,किन्तु अपनी माँग पर अड़े श्री पटेल कोरिया कलेक्टर की उपस्थिति और लिखित में लेने से कम किसी हालत में तैयार नहीं हुए। इस दौरान तेज बारिश होने से सारा प्रशासनिक अमला अपनी-अपनी गाड़ियों में घुसकर जा बैठे, लेकिन श्री पटेल अपने सहयोगियों सहित धरना स्थल पर भीगते बैठे रहे. कोई निष्कर्ष नहीं निकलता देख उपस्थित अधिकारियों ने जिला मुख्यालय में सम्पर्ककर उन्हें परिस्थितियों से अवगत कराया और फिर समस्त सम्बन्धितों से चर्चा कर व जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित एसडीएम एवं तहसीलदार खड़गवाँ ने श्री पटेल को सम्बोधित लिखित आश्वासन पत्र देते हुए उनसे धरना समाप्त करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार कर उन्होंने सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते धरना-आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की। समझौता पत्र में प्रषासन के द्वारा लिखित में दिया गया हैं कि 15 अक्टुबर तक सड़क निर्माण हेतु वर्षाकाल रहता हैं। इसलिए वर्षाकाल के समय के पष्चात् र्मिाणाधीन एजेन्सी के द्वारा तत्काल कार्य प्रारंभ कर जल्द से जल्द पूर्ण कर दिया जाएगा।