ककोड़ा: लाखों श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के जयघोष के साथ गंगा में डुबकी लगाई।
बदायूँ/ककोड़ा: रूहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में श्रद्धालुओं का गंगा स्नान के लिए आना और जाना लगा रहा। लाखों श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के जयघोष के साथ गंगा में डुबकी लगाई। प्रातःकाल श्रद्धालु हर हर गंगे, निर्मल गंगे के जयघोष के साथ पतित पावनी मां गंगा में स्नान करने में जुट गए। स्नान करने के उपरान्त श्रद्धालुओं ने मां भागीरथी की पूजा अर्चना की, दीपदान किया। गंगा की कल कल करती निर्मलधारा में दीपकों की झिलमिलाती रोशनी आकर्षण का केंद्र रही। इसके बाद श्रद्धालुओं ने घंटा, मजीरा बजाकर मां गंगा के विराट रूप की भव्य आरती की। गंगा तट पर श्रद्धालुओं अपने ईष्ट और अपने पूर्वजों के लिए भगत बजबाई। श्रद्धालुओं ने गरीब असहाय महिला, पुरूषों और को खिचड़ी और ऊनी वस्त्र भेंट कर दान पुण्य किया। मातृशक्तियों ने कन्याओं को दही जलेबी, मिष्ठान और पूड़ी सब्जी का भोग लगवाकर दान दक्षिणा दी।
लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मुख्य गंगा घाट के अलावा मेले के पूर्व और पश्चिम में गंगा तट पर स्नान किया। श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों और परिवारीजनों के साथ नौकायन का आनंद लिया। अनेकों श्रद्धालु गंगा के दूसरे तट कादरगंज भी पहुंचे। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं ने मां गंगा की पहनान के दौरान साड़ियों को गंगा की धारा की चैड़ा तक पहनाया। साड़ियों को पहनाने के लिए श्रद्धालु मुख्य गंगा तट से दूसरी तरफ नाव से पहुंचे इसके बाद प्रसाद बांटा। गंगा तट की पावन भूमि पर बच्चों का मुंडन संस्कार हुआ। मुंडन के बाद बच्चों के सिर पर रोली से स्वास्तिक बनाकर पूजन किया और अक्षत पुष्प की वर्षा की गई।
गंगा की गहराई को देखते हुए एटा से 43वीं बटालियन के जवान एससीपी ज्ञान प्रकाश अग्निहोत्री, लाल सिंह, सत्येंद्र सिंह यादव, प्रमोद कुमार, अरविंद कुमार, नेपाल सिंह, इतवारी लाल, अजयपाल सिंह, आरक्षी वीरभान सिंह ने मुख्य गंगा घाट के अलावा मेले के पूर्व स्थित कादरगंज घाट और मेले के पश्चिम घाट पर तीनों नावों को लगाया। जिसमें डूबते हुए लोगों को बचाने के सतर्क दिखे। जवानों ने गंगा स्नान करने आए महिला, पुरूषों और बच्चों को हर पल हिदायात दे रहें। गंगा की गहराई और तेज बहाव हो देखकते हुए जवान और एलर्ड हैं। तीनों तटों पर सच्चे प्रहरी के तरह डटे हुए हैं। नावों को दौड़ाकर श्रद्धालुओं को सावधान कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नावों में लाइफ वाय और लाइफ जाकेट रखी गईं हैं। मेला ककोड़ा समाज सेवा शिविर में विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे स्काउट ने मेले में खोये बच्चों और बुजुर्गों को माता पिता और परिजनों से मिलवाया। इस मौके पर नंदराम शाक्य, महेश चंद्र पाठक, सत्यपाल गुप्ता और उदय सिंह यादव आदि मौजूद रहे।
संजीव कुमार शर्मा, गायत्री परिवार, बदायंू
मेला ककोड़ा: मिनी कुम्भ मेला ककोड़ा में रेत की सफेद चादर पर तम्बुओं का अनोखा शहर बस चुका है जो जीवन जीने की कलाओं की श्रेष्ठतम सीख देता है और बताता है कि जब कभी मुश्किल भरी घड़ियां आए तो घवराना नहीं चाहिए। उन मुश्किलों का जमकर सामना करें और मेले में आठ दस दिन रहकर जंगल में मंगल करने का जो तरीका सीखा है उसे न भूलें। हमें ककोड़ा मेला से जो ज्ञान मिला हर परिस्थियों में जीवन जीने की कला सिखाता है। हम जहां भी हो जैसे भी हो हमें वहां स्वर्ग जैसा वातावरण बनाना है और अपने सभी साथियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें हमेशा खुश रखना है।
हमारे पास कुछ नहीं है फिर भी हम मेले में एक घर का निर्माण कर सृजन का कार्य करते है। जिसमें सबके सम्मान की सम्पूर्ण व्यवस्थाऐं रहती हैं, सबका हित छिपा रहता है। श्रद्धा और आस्था अनूठा संगम हर व्यक्ति को पवित्र बना देता है। इसी बजह से लोग एक दूसरे का स्वागत और सम्मान की अनूठी परम्परा का बखूबी निर्वाहन करते है। धरती पर जहां भी नदियां है उसके किनारे पर बसे गांव तीर्थ
बन गए, आज उनकी ग्राम देवता के रूप में पूजा होती है। जहां लोग पीढ़ी और दर पीढ़ी रहकर अपने जीवन को धन्य बना रहे हैं। भारत का हृदय गांवों में बसता है क्योंकि वहां देवता बसतें हैं। लोग एक दूसरे के दुःख दर्द को समझते हैं। नये लोगों को भी अपना भाई मानते और इज्जत देते हैं।
मेले में भी एक तम्बू में रहने वाला दूसरे तम्बू वाले को तम्बुओं के शहर बसाते ही पहिचान लेते हैं वही सम्मान का रीतिरिवाज चलने लगता है जैसा हम एक दूसरे को कई वर्षों से जानते पहिचानते हो। मेला प्रेम और सौहार्द का प्रतीक होते हैं। जो मिल जुलकर रहने की श्रेष्ठतम सीख देता हैं।
मिनी कुंभ में बाॅडी बिल्डर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रदेश भर के बाॅडी बिल्डरों ने अपनी बाॅडी का शानदार प्रदर्शन किया। श्रेष्ठ स्थान पाने वाले खिलाड़ियों का सम्मानित किया गया। रात से ही अपने निजी वाहनों से श्रद्धालुओं का मेला ककोड़ा आना शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते है भइया जी और बैंक आॅफ बडौदा की ओर से गंगा तट पर स्नानघर बनबाये गए हैं। देर रात तक पुलिस के जवानों ने यातायात व्यवस्था को संभाला प्राइवेट बसों और बड़े वाहनों को पार्किंग में लगाया गया। मेले में अंदर मुख्य मार्ग पर ट्रैक्टर ट्रालियों और कारों को नहीं जाने दिया। बरेली और बीआईपी मार्ग से वाहन मेले तक पहुंचे। मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में पतित पावनी मां गंगा के तट पर श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के बोले बदे मुंडन संस्कार कराये। देर रात से ही श्रद्धालुओं का गंगा तट पर स्नान के लिए आना शुरू हो गया। लेकिन प्रकाश व्यवस्था सही न होने के कारण श्रद्धालु इधर उधर भटकते नजर आए। दिन निकले पर वह अपने तम्बुओं या गंतव्य स्थान तक पहंुचे। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के मार्ग में छिड़काव कराया गया। जिससे उड़ती धूल पर काफी हद तक काबू पाया गया। श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद गरीब असहाय लोगों को दान दक्षिणा दी। मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में पुलिस की व्यवस्था चाक चैबंद रही। पुलिस के जवानों ने रात दिन की ड्यूटी पर मुस्तैद दिखे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी। मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में देर रात तक पहुंचे श्रद्धालुओं ने रैन बसेरों और कलामंच के पांडाल में रात गुजारी। मेले में पांच रैन बसेरे बनाएं गए हैं। गंगा तट के मुख्य गेट के समीप, डीएम के आवास के पास, कोतवाली के पास, बरेली और बीआईपी मार्ग पर बनें हैं। जिससे मेले में रहने वाले श्रद्धालु रात अच्छी तरह गुजार सकें। तम्बुओं के शहर में अपने तम्बू को पहिचाननें के लिए सप्ताह भर से अधिक समय तक रह रहे। श्रद्धालुओं ने अपने तम्बुओं के द्वार पर लगाई नीली, पीली, लाल, केसरिया रंग की पताकाएं लगाईं हैं। अनेकों जगह विभिन्न संगठनों अपने संगठन और धर्म के अनुयायियों ने अपनी पताकाए लगाईं। जिससे परिवार के साथ गए बच्चे रास्ता न भूलें, बुजुर्ग भी दिग्भ्रमित न हों।ककोड़ा में स्नान करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहंुचे। गंगा तट पर तम्बू लगाकर रह रहे भक्तों से गंगा तट तम्बुओं की तीर्थ नगरी बन गया। व्यवस्थित लगे तम्बुओं के शहर में श्रद्धालुओं ने अपने घर जैसे इंतजाम किए। रसोईघर, बैठक के अलावा अस्थाई शौचालयों का निर्माण कराया। मेले में श्रद्धालुओं ने अस्थाई अस्पताल से खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, दर्द आदि की दवाईयां ली। अस्पताल में फार्मशिष्ट राजेश कुमार भारती, मनोज कुमार, प्रशांत रंजन, दिगम्बर सिंह, सुनील कुमार, राजेश कुमार, डाॅ. अशरफ आदि डाॅक्टरों की टीम तैनात है। अस्पताल में बैड, स्ट्रेचर और दवाईयां उपलब्ध हैं। वहीं इमरजेंसी की सुविधा भी उपलब्ध है।