मेला ककोड़ा: रुहेलखंड का मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में बसने वाला तम्बुओं का शहर उजड़ने लगा।
मेला ककोड़ा: रुहेलखंड का मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में बसने वाला तम्बुओं का शहर उजड़ने लगा है। श्रद्धालु अपने निजी तम्बुओं को उखाड़कर ले जा चुके हैं। वीआईपी एरिया, शासनिक, प्रशासनिक, सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं के तम्बुओं को उखाड़ा जा रहा है।
मेले में अधिकांश तम्बुओं को उखाड़ा जा रहा है। इसके बाबजूद श्रद्धालुओं का मेले में जन सैलाब उमड़ रहा है। श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। गंगा मां को प्रसाद चढ़ाकर नमन वंदन कर रहे हैं।
रुहेलखंड के मिनी कुंभ मेला ककोड़ा में मेला मजिस्ट्रेट अपर जिला जज नूतन चैहान देर रात मेले में पहुंची उन्होंने मेले का जायजा लिया। मेले के मुख्य मार्ग से होती हुई पतित पावनी मां गंगा के तट पर पहुंची मां गंगा को नमन वंदन के बाद मुख्य द्वार से होती हुई मीना बाजार, कपड़ा बाजार, खैराती चैक के अलावा मेले अन्य स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को मेला भ्रमण, खरीददारी के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। श्रद्धालु मेले ककोड़ा में गंगा स्नान और खरीददारी करके ककोड़ मंदिर में मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं। ककोड़ देवी मंदिर में श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार, भजन कीर्तन और भक्तभाव से नृत्य करते दिखे। श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरण के साथ कन्याभोज भी कराया।
चिमटा, कढ़ाई, बर्तन, ढोलक आदि के अलावा किसानों का जन समूह बेटे बेटियों की शादी के लिए बक्से, बर्तन, कपड़े आदि को खरीद कर ले जा रहे हैं। मेले में पीएसी के जवान और फायर ब्रिगेड के जवानों द्वारा मुस्तैदी से ड्यूटी की जा रही है। मेले में बना अस्थाई अस्पताल, डाक कार्यालय मेले से जा चुके हैं। पुलिस के जवान मेले में ड्यूटी कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं द्वारा मेले में जमकर खरीददारी की जा रही है। महिलाएं मीनाबाजार से श्रंगार प्रसाधान का सामान खरीदने में रुचि ले रहीं हैं, पुरुष भी कपड़ा बाजार में मेहमानों के स्वागत के लिए कंबल, चादर, लोई और अन्य सामान खरीद रहे। मेले में घरेलू सामान की भी जमकर खरीददारी हो रही है। श्रद्धालु अभी मेला परिसर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस बल दिन और रात ड्यूटी कर रहा है। मुख्य स्थानों पर ही पुलिस बल की तैनाती की गई है।
मेले में श्रद्धालु जलेबी, खजला, चाट, पकौड़ी, पूड़ी, सब्जी का आनंद ले रहे हैं। श्रद्धालु अपनी बैलगाड़ियों, और निजी वाहनों से सुबह मेले में पहंुच रहे हैं और शाम होने से पहले ही अपने घरों को प्रस्थान कर रहे हैं।