बदायूँ: बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस की तो होगी विधिक कार्यवाही

बदायूँः अस्पतालों में इलाज के दौरान प्रयोग के बाद इकट्ठा होने वाला कचरा जैसे पट्टी, सुई, इंजेक्शन, प्लास्टर, बोतल आदि कचरे (बायोमेडिकल वेस्टेज़) का उचित तरीके से निस्तारण किया जाएगा। बायोमेडिकल कचरे के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा जो सरकारी अस्पताल एवं प्राइवेट नर्सिंग होम में निरीक्षण करेंगे। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। ऐसे सभी चिकित्सक एक सप्ताह के अंदर रजिस्ट्रेशन करवाना सुनिश्चित करें।
शनिवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी कुमार प्रशांत की अध्यक्षता में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की बैठक आयोजित की गई। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि इस समय कोई भी नामित एजेंसी कार्य नहीं कर रही है। डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए कि जब तक निदेशालय से कोई निर्देश नहीं प्राप्त होता है तब तक कोई प्राइवेट संस्था से बायोमेडिकल कचरा उठवाएं। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राइवेट अस्पतालों का टीम गठन कर नियमित निरीक्षण होता रहे। बायोमेडिकल कचरा कहीं पर भी इधर-उधर नहीं फेंका जाए।
जिलाधिकारी ने समस्त जनपद के प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को कड़े निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के अंदर सभी चिकित्सक अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करा लें। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त चिकित्सक यूनानी आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक अन्य सभी को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। कोई भी चिकित्सक बिना रजिस्ट्रेशन के प्रैक्टिस करते मिलता है तो उस पर विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए कोई भी डॉक्टर घूमते नजर नहीं आना चाहिए। इस अवसर पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बीबी पुष्कर एवं बायोमेडिकल के नोडल अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।

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