कोरिया: श्री राम जानकी हनुमान मंदिर गोदरीपारा चिरिमिरी में 1008 फलाहारी श्री त्यागी बाबा के तत्वाधान में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया। (वेदप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)
कोरिया:-रविवार को श्री राम जानकी हनुमान मंदिर गोदरीपारा चिरिमिरी में 1008 फलाहारी श्री त्यागी बाबा के तत्वाधान में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया तथा विषाल भंडारे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा शामील होकर रामायण पाठ का भी श्रवण किया। मंदिर के महंत श्री रामकृष्ण दास ने जानकारी दी कि मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूम धाम से राजा राम चंद्र और मां सीता का विवाहोत्सव मनाया जाता है। यह महोत्सव विशेष रूप से मिथलांचल में बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। त्रेता युग में पृथ्वी पर राक्षसों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था। उस समय मुनि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा करने के उद्देश्य से अयोध्या के महाराज दशरथ से उनके पुत्रों श्री राम एवं लक्ष्मण जी को मांग कर ले गए। यज्ञ की समाप्ति के पश्चात विश्वामित्र जी जनक पुरी के रास्ते से वापसी आने के समय राजा जनक के सीता स्वयंवर की उद्घोषणा की जानकारी मिली। मुनि विश्वामित्र जीे राम एवं लक्ष्मण जी को साथ लेकर सीता के स्वयंवर में पधारें। सीता स्वयंवर में राजा जनक जी ने उद्घोषणा की जो भी शिव जी के धनुष की प्रत्यचा चढ़ा देगा उसके साथ सीता के विवाह का संकल्प कर लिया। स्वयंवर में बहुत राजा महाराजाओं ने अपने वीरता का परिचय दिया परन्तु विफल रहे। इधर जनक जी चिंतित होकर घोषणा की लगता है यह पृथ्वी वीरों से विहीन हो गयी है , तभी मुनि विश्वामित्र ने राम को शिव धनुष भंग करने का आदेश दिया। राम जी ने मुनि विश्वामित्र जी की आज्ञा मानकर शिव जी की मन ही मन स्तुति कर शिव धनुष को एक ही बार में भंग कर दिया। उसके उपरान्त राजा जनक ने सीता का विवाह बड़े उत्साह एवं धूम धाम के साथ राम जी से कर दिया। साथ ही दशरथ के तीन पुत्रों भरत के साथ माध्वी, लक्ष्मण के साथ उर्मिला एवं शत्रुघ्न जी के साथ सुतकीर्ति का विवाह भी बड़े हर्ष एवं धूम धाम के साथ किया गया। तब से आज तक इस दिन को विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।