वगरैन: वगरैन मे बंदरो का आंतक। (राशिद खान की रिपोर्ट)
बदायूँ/बगरैन – जिले के बगरैन क्षेत्र मे ज्यादातर गावबासी कृषि पर निर्भर है मौसम के मेहरबान होने पर फसल अच्छी होती है तो किसान चैन की नींद सोते है पिछले कुछ बर्षो से किसान की नीद मौसम के बजाए बंदरो ने उडा रखी है करीव दस बर्ष पहले इलाके में बंदरो ने दस्तक दी थी शुरुआत मे बंदर मामूली रुप से फसल को नुकशान पहुचाते थे लेकिन ,जैसे जैसे बंदरो की संख्या मे बढोतरी होती गई ,वैसे वैसे नुकशान भी बढता गया ,अव तो फसल बोने से पहले दिन से पकने तक रखबाली करनी पढ़ रही है ,अगर किसान एक दिन रखबाली नही करे तो पूरी फसल को खा जाते है और चौपट कर देते है , जंगलो में आपको सैकडो झुंड के रुप में मिल जायेगे ,वही घर में रखे कपडे बचाना मुशकिल है ,खुले में आप खाना नही खा सकते , बच्चो के स्कूल बैग छीन कर फाड देते है ,तथा लोगो पर हमला कर देते है जिसमे कई लोग मौत के मुह मे समा चुके है तथा कई लोग घायल हो चुके है वंदर काटने पर एंटी रैबीज इन्जेक्शन लगता है जो वाजार मे लगभग चार सौ रुपये मे बिकता है ।