छत्तीसगढ़: यपुर-90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में उन बीस सीटों का जिक्र भी जरूरी है, जो प्रदेश में नई सरकार तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। ये वो सीटें हैं, जहां वोटिंग प्रतिशत ने लोगों को चौंकाया है। साथ ही इन सीटों पर परिणाम को लेकर कोई भी उम्मीदवार आश्वसत नजर नहीं आ रहा है। (शोएब अख्तर, कोरिया)

कोरिया/छत्तीसगढ़:  विधानसभा में कुल 90 में से इस चुनाव में करीब 20 ऐसी सीटें हैं, जिनकी छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में अहम भूमिका रहने वाली है। सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग की 16 और बस्तर की 4 सीटों के नतीजों से इस बार निर्णायक साबित होंगे। इस बार बीजेपी के कुछ मंत्रियों की जीत मुश्किल में दिख रही है। दूसरी ओर कांग्रेस के नए प्रत्याशी कई सीटों पर मजबूत नजर आ रहे हैं। कुछ सीटों पर मायावती-अजीत जोगी की पार्टी का गठबंधन भी मजबूत माना जा रहा है।

भिलाई नगर : इस सीट से भाजपा के कद्दावर नेता और रमन कैबिनेट के मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय और कांग्रेस के युवा नेता व भिलाई नगर निगम के महापौर देवेन्द्र यादव के बीच टक्कर है। मतदान के बाद भी यहां कोई स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहा है कि किसकी स्थिति ज्यादा मजबूत है। इस सीट पर पिछले चुनाव की अपेक्षा 4 फीसदी अधिक वोटिंग हुई है। इस बार यहां 66.96 फीसदी वोटिंग हुई है।
रायपुर उत्तर : इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अंतिम समय में अपने प्रत्याशियों की घोषणा की। भाजपा से सीटिंग एमएलए श्रीचंद सुंदरानी और कांग्रेस कुलदीप जुनेजा मैदान में हैं। यहां प्रदेश में सबसे कम वोटिंग हुई है। दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन कोई मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है। यहां 60.30 फीसदी वोटिंग हुई है।
रायपुर ग्रामीण : इस सीट पर भाजपा के नंदकुमार साहू और कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा के बीच मुकाबला है। यहां भी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट नहीं बताई जा रही है। पिछले चुनाव में ये सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। इस बार यहां वोटिंग करीब दो फीसदी बढ़ी है। यहां इस बार 61।09 फीसदी वोटिंग हुई है।
रायपुर पश्चिम : इस हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा सरकार में मंत्री राजेश मूणत का मुकाबला कांग्रेस के युवा नेता विकास उपाध्याय से है। विकास ने इस सीट पर कड़ी टक्कर दी है। यहां वोटिंग 60।45 फीसदी वोटिंग हुई है। प्रदेश में सबसे कम वोटिंग प्रतिशत वाली ये दूसरी सीट है।
वैशाली नगर : दुर्ग जिले की इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित किए। चुनाव के दौरान दोनों प्रत्याशियों को लेकर जनता में अधिक उत्साह देखने को नहीं मिला। भाजपा ने सीटिंग एमएलए विद्यारतन भसीन और कांग्रेस ने बदरूद्दीन कुरैशी को प्रत्याशी बनाया है। यहां इस बार करीब तीन फीसदी अधिक 65.57 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
महासमुंद : साल 2013 के चुनाव में यहां की जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी विमल चोपड़ा को चुना था। इस बार यहां भाजपा के पूनम चन्द्राकर व कांग्रेस से विनोद चन्द्राकर प्रत्याशी हैं। इस सीट पर जीत को लेकर कोई स्पष्ट दावा नहीं किया जा रहा है। यहां इस बार 80.53 फीसदी वोटिंग हुई है।
जैजैपुर : साल 2013 के चुनाव में इस सीट पर बसपा के केशव चन्द्रा को जीत मिली थी। इस बार भी वे बसपा प्रत्याशी हैं, लेकिन भाजपा व कांग्रेस दोनों से इस बार कड़ी टक्कर है। यहां इस बार 68.17 फीसदी वोटिंग हुई है।
बिल्हा : प्रदेश की ये सीट भी हाई प्रोफाइल सीट है। यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के खिलाफ कांग्रेस ने क्षेत्र में सक्रिय नए चेहरे राजेन्द्र शुक्ला को मैदान में उतारा है। इस सीट पर सीटिंग एमएलए और अजीत जोगी की पार्टी से प्रत्याशी सियाराम कौशिक भी मैदान में हैं। यहां स्थिति त्रिकोणीय है।
सक्ती : इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चरणदास महंत कांग्रेस प्रत्याशी हैं। इनके खिलाफ सीटिंग एमएलए मेघाराम साहू भाजपा प्रत्याशी हैं। इस सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
तखतपुर : लगातार दो बार से भाजपा के खाते में रही इस सीट से पार्टी ने प्रत्याशी बदलकर महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय को मैदान में उतारा है। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रश्मी सिंह उन्हें टक्कर दे रही हैं।
कोटा : टिकट घोषणा के अंतिम समय तक ये सीट चर्चा में रही। कांग्रेस की ओर से लगातार विधायक रही पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी की टिकट काट दी गई। इस सीट से रेणु अपने पति अजीत जोगी की पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है।
खैरागढ़ : साल 2013 में कांग्रेस के खाते में रही इस सीट पर इस बार कांग्रेस के ही बागी देवव्रत सिंह अजीत जोगी की पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर जीत को लेकर कोई भी दल सीधे तौर पर आश्वस्त नहीं है।
अकलतरा : बसपा के पकड़ वाली इस सीट से अजीत जोगी की बहू रिचा जोगी मैदान में हैं। भाजपा ने बसपा के बागी सौरभ सिंह को चुनाव लड़वाया है। पिछली बार के विजेता कांग्रेस के चुन्नी साहू इस बार भी मैदान में हैं। तीनों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है।
इन सीटों की भी रहेगी भूमिका : महासमुंद जिले की बसना, कोरबा जिले की पाली-तानाखार, कोरिया जिले की मनेंद्रगढ़ मे भी भाजपा और कांग्रेस के बीच काफी टकराव दिख रहा है भाजपा ने तत्कालिक विधायक श्याम बिहारी जायसवाल पर भरोसा जताया तो कांग्रेस ने एक नए चेहरे डॉक्टर विनय जैसवाल पर भरोसा किया दोनों ही प्रत्याशियों को अपनों ने खूब छकाया कहीं पर भाजपा मजबूत दिख रही है तो कहीं पर कांग्रेस जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी चुकी भाजपा टिकट की उम्मीदवारी कर रहे थे नहीं मिलने पर वे जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ा और दोनों ही दलों को काफी नुकसान पहुंचाया है दोनों दलों के निराश कार्यकर्ता जोगी कांग्रेस को मदद करते देखे गए हैं मतदाताओं मे भी कॉफी असमंजस की स्थिति है। सूरजपुर की प्रतापपुर सहित लोरमी, कांकेर की भानुप्रतापपुर सीट पर भी मुकाबला कड़ा है। इन सीटों पर जीत हार को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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