कोरिया: सड़क पर खुले घुमते मवेसी। (वेदप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट)

कोरिया:-नगर पालिक निगम चिरमिरी के द्वारा वर्षों पूर्व लाखों रूपयों की लागत से डोमनहिल स्थित मुक्ति धाम के समीप सर्व सुविधा युक्त कांजी हाउस का निर्माण आवारा और पालतू पशु पालको केे द्वारा छोड़े गए जानवरों से सड़को से मुक्ति दिलाने हेतु निर्माण कराया गया था परंतु निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण न तो सर्व सुविधा युक्त कांजी हाउस का और वर्षो पूर्व खरीदे गए काउ कैचर वाहन का उपयोग न होने के कारण काउ कैचर वाहन को पूरी तरह जर्जर अवस्था में बगैर उपयोग के ही हो गया। यदि इसी तरह का रवैया कांजी हाउस को भी लेकर रहा तो एकाध वर्ष में पूरी तरह बगैर उपयोग के ही खण्डहर में तबदील हो जाएगा और आम नागरिकों सहित राहगीरों को आवारा जानवरों से मुक्ति दिलाने हेतु किए गए लाखों रूपये खर्च उपयोग में न आकर दुरूपयोग में तबदील होगा।
ज्ञात हो कि, नगर पालिक निगम चिरमिरी क्षेत्र के अंतगर्त भारी संख्या में आस पास लगे गांव क्षेत्र से पशु पालको के द्वारा पशुओं को हांक कर हजारों की संख्या में नगर में चरने और विचरण करने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। जिस पर आज तक निगम के अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही न करने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालको सहित शहर के पशुपालकों ने अब सारी हदें पार कर दी हैं। लोग शौक से पशुपालन कर रहे हैं पर दूध निकालने के बाद या जो गाय दूध नहीं दे रहीं उन्हें शहर की सड़कों में स्वछंद विचरण के लिए छोड़ देते हैं। वर्तमान में शहर में स्वछंद विचरण करने वाले मवेशियों की संख्या एकाएक सड़कों में बढ़ गई है। शहर का कोई चौक चौराहों शेष नहीं जहां मवेशियों का जमावड़ा न हो। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और दुर्घटना की आशंकाएं बढ़ गई हैं। निगम द्वारा अब इन पशुपालकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की औपचारिक्ता भी नही निभाई जा रही हैं। जुर्माना वसूली के साथ इन पशुपालकों की पहचान कर शहर की शांति व्यवस्था भंग के आरोप में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कराई जानी चाहिए थी।
पशुपालकों ने शौकिया तौर पर घरों में दुधारु पशु रखने की परंपरा तो शुरू कर दी है पर जब तक ये गाय दूध देती हैं, तब तक तो घर में बांधकर रखते हैं, किन्तु जैसे ही गाय दूध देना बंद करती है उन्हें सड़क पर विचरण करने छोड़ देते हैं। पूर्व में कई बार निगम ने पशुओं के खिलाफ धरपकड़ की कार्रवाई की, किन्तु कांजी हाऊस की अव्यवस्था से पशुओं को पकड़कर रखना भी निगम के लिए मुसीबत बन गया। लिहाजा निगम ने कार्रवाई छोड़ दी तो पशुपालकों ने सारी सीमाएं पार कर दी। पहले सौ-दौ सौ मवेशी ही शहर के चौक-चौराहों और सड़क पर विचरण करते नजर आते थे। किन्तु अब तो इनकी संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। शहर का कोई ऐसा मार्ग और चैराहा नहीं है, जहां एक-एक स्थान पर 100 से 200 मवेशियों का जमावड़ा न हो। बीच सड़क पर मवेशियों के जमावड़े ने शहर के नागरिकों को मुसीबत में डाल दिया है। दोपहिया, चारपहिया वाहन चालकों की जान का खतरा हो गया है। बड़े वाहनों से तो मवेशी ही टकराकर मौत के शिकार हो रहे हैं। अब शहर के हालत देख नगर निगम बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। एक-दो दिन में अभियान चलाकर स्वछंद विचरण कर रहे मवेशियों को धरपकड़ नही की जा रही हैं। जबकि कांजी हाऊस डोमनहिल में नया भवन पशुओं को रखने के लिए बनाया गया था पर अभी तक उसमें पशुओं को डालने की तैयारी भी नहीं हुई हैं।
हर रोज हो रही दुर्घटनाएं:-
शहर के 45 किलोमीटर मेन रोड पर हर जगह बड़ी संख्या में मवेशियों का जमावड़ा है। खासकर चौराहों पर तो रात भर मवेशी डटे रहते हैं। गेल्हापानी कोरिया चैक आऊट एरिया है किन्तु बीच शहर के दादु लाहिड़ी चैक, पं. श्यामा प्रसाद मुखर्जी केन्द्रीय विद्यालय डोमनहिल बाजार, बड़ा बाजार बस स्टैण्ड, मेन मार्केट हल्दीबाड़ी स्वर संगम चैक, टैक्सी स्टैण्ड,मोहन काॅलोनी अमर जवान चौक सहित पं. दीनदयाल उपाध्याय चैक पोड़ी गुरूनानक चौक गोदरीपारा पुराना गोदरीपाा मेन रोड कन्या विद्यालय गोदरीपारा मेन रोड और सभी चौक-चौराहों एवं सभी काॅलोनीयो की गली मोहल्ले वाली सड़को पर भी मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां हर रोज तेज रफ्तार वाहन से दुर्घटनाएं हो रही हैं।

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