उझानी: श्रीराम ने किया आसुरी शक्तियों का विनाश, की यज्ञ और धर्म की रक्षा: रवि/प्रभु प्रदत्त अनुकंपा को लगाएं लोककल्याणार्थ/मुश्किलों का सामना सहजता से करने वाले मनुष्य को मिलती हैं, अद्भुत शक्तियां
बदायूँ/उझानी: तेहरा गांव के शिव मंदिर प्रांगण में मेरे राम कथा समिति की ओर से चल रही सेवा और संस्कारों को समर्पित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन महर्षि वशिष्ठ द्वारा भगवान श्रीराम का शिक्षा ज्ञान, ताड़िका वध, अहिल्या उद्धार, जनकपुरी में प्रवेश, धनुष भंजन, गंगा की महिमा आदि प्रसंगों का श्रवण कराया गया। मातृशक्तियों, साधु-संतों और गणमान्य नागरिकों ने भगवान श्रीराम का पूजन कर भव्य आरती की।
कथावाचक महाराज रवि समदर्शी ने कहा कि धरा पर अत्याचारों को मिटाने और मनुष्य के कल्याण के लिए ईश्वर अवतारी चेतना के रूप में जन्म लेते हैं। ईश्वर को स्मरण करने मात्र से विपत्तियों और आपत्तियों में फंसा मनुष्य धन्य हो जाता है। भगवान श्रीराम ने महर्षि वशिष्ठ के संरक्षण में शिक्षा का दिव्य ज्ञान प्राप्त कर मार्ग में आने वाली प्रत्येक चुनौतियों को स्वीकारा। यज्ञ और धर्म की रक्षा कर आसुरी शक्तियों का विनाश किया। उन्होंने कहा मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। मुश्किलों का सामना सहजता से करने वाले मनुष्य अद्भुत शक्तियों के स्त्रोत होते हैं। प्रभु प्रदत्त अनुकंपा को लोककल्याणार्थ लगाना चाहिए।
कथा में गंगा की महिमा का बखान करते कहा गंगा में प्रवाहित धारा जल नहीं, अमृत है। भावी पीढ़ी के जीवन को बचाने के लिए मां भागीरथी की निर्मल धारा को स्वच्छ बनाएं। कूड़ा करकट डालकर गंदा न करें। मां गंगा ही प्राणियों को जीवन को संजीवनी देती हंै। मां के साथ मां जैसा ही व्यवहार करें।
दर्जनों गांवों से आए श्रद्धालुओं, साधु-संतों और गणमान्य नागरिकों के साथ ेेेेेेमुख्य संयोजक ओमवीर सिंह यादव, भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना के बाद भव्य आरती की। इस मौके पर शैलेंद्र यादव, सत्येंद्र चैहान, अजयपाल सिंह, जबर सिंह, राजभान सत्यवीर यादव, प्रदीप चैहान, गजेंद्र पंत, गगल मित्तल, शिव कुमार, शैलेंद्र यादव, सुमित यादव, आदि मौजूद रहे।