बदायूँ: राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं होता- आचार्य संजीव रूप

बिल्सी, आर्यसमाज गुधनी के तत्वावधान में स्थानीय आर्य समाज मंदिर में राष्ट्र नायक सुभाष चंद्र बोस की 124 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई । देर शाम तक चले कार्यक्रम में सबसे पहले राष्ट्र रक्षा यज्ञ_ किया गया जिसे आर्य संस्कार शाला के बच्चों ने श्रीमती प्रज्ञा आर्य के निर्देशन में संपन्न किया। इसके पश्चात विचार गोष्ठी आरंभ हुई जिसमें बोलते हुए सुप्रसिद्ध समाज सुधारक आचार्य संजीव रूप ने कहा *नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज के नेताओं की तरह राजनीति नहीं करते थे , उन्हें अपना वतन अपने प्राणों से भी प्यारा था इसलिए उन्होंने नारा दिया था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, इसका अर्थ था कि अपना हक भी बिना बलिदान के प्राप्त नहीं होता । राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं होता । इस मौके पर उझानी से पधारे सुप्रसिद्ध समाजसेवी प्रदीप गोयल ने कहा सुभाष चंद्र बोस सही मायने में राष्ट्र के पितामह है ! सर्वोच्च डिग्री प्राप्त करने के बाद भी अपने राष्ट्र के लिए सब मान सम्मान को स्वाह कर देने वाले और अपने वतन की खातिर अपना सर्वस्व होम कर देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज सबके हीरो हैं ! हर व्यक्ति उनका चित्र अपने घर में लगा करके गौरवान्वित होता है! इस मौके पर राकेश शाक्य, पंकज कुमार सिंह ,दुर्वेश कुमार सिंह, बद्री प्रसाद आर्य ओमप्रकाश सिंह अरविंद कुमार श्रीमती संतोष कुमारी कुमारी अंजलि रानी कुमारी स्वाति रानी कुमारी भावना रानी सुखवीर सिंह प्रश्रयआर्य अंशुल कुमार मौजूद रहे

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