बदायूँ: एमओआईसी गांव-गांव जाकर निरीक्षण करें : डीएम
बदायूँः जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत महिलाओं के भुगतान में तेजी लाई जाए। आशाएं सुनिश्चित करें कि गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही लेकर जाए। एमओआईसी गांव गांव जाकर निरीक्षण करें आशाएं गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आती है या नही। एमओआईसी म्याऊं, बिसौली एवं सहसवान के कार्य में लापरवाही पाए जाने पर वेतन काटने के निर्देश दिए गए। बिना लाइसेंस के अस्पतालों एवं झोलाछाप डॉक्टरों पर युद्ध स्तर पर वैधानिक कार्रवाई की जाए।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े सही न पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि मेहनत से कार्य करके आंकड़ों में सुधार लाएं। जननी सुरक्षा योजना में 8350 महिलाओं का भुगतान लंबित पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि एमओआईसी गर्भवती महिलाओं का भुगतान समय से कराएं। आशाएं गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल में ही लेकर आएं। जो आशाएं इधर उधर प्रसव के लिए ले जाती हैं ऐसी आशाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि एएनएम एवं आशाओं की जिम्मेदारी है कि गर्भवती महिला का पता चलते ही बैंकों में खाता खुलवाएं जिससे ग्रामीण क्षेत्र में 14 सौ रुपए एवं शहरी क्षेत्र में एक हजार रुपए का भुगतान उनके बैंक खातो में समय से किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग सप्ताहिक मीटिंग करके आशाओं से गर्भवती महिलाओं का रिकॉर्ड पूछें।
डीएम ने कहा कि जनपद के बिना लाइसेंस के प्राइवेट अस्पताल एवं झोलाछाप डॉक्टरों पर जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ से कह कि प्रतिदिन एक-एक अस्पताल का निरीक्षण करके आख्या उपलब्ध कराएं। मण्डल में मिजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान में जनपद को प्रथम स्थान मिलने पर उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक राम मूरत एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़े निर्देश दिए की मिजिल्स रूबेला टीकाकरण में प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों से यह सुनिश्चित कराएं कि 9 माह से 15 साल तक के कोई भी बच्चे वंचित न रहे। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मनजीत सिंह, डॉ0 अनिल कुमार शर्मा, डॉ0 गुंजन सहित अन्य डॉक्टर्स मौजूद रहे।