बदायूँ: खांसने व छींकने से फैलता है रुबेला
बदायूँः एक माह तक चल रहे मीजिल्स रूबेला टीकाकरण अभियान में जनपद के 12 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। शासन के निर्देशन में मीजिल्स रूबेला टीकारकण अभियान के प्रथम चरण में स्कूलों, कालेजों के छात्र-छात्राओं को चिन्हित कर टीकाकरण किया जा रहा है। इस अभियान में बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग का सहययोग लिया जा रहा है। स्कूलों कालेजों में छात्र-छात्राओं की लिस्ट तैयार कर टीकाकरण किया जाए।
शुक्रवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने पार्वती आर्य कन्या संस्कृत इंटर कॉलेज में चल रहे रूबेला टीकाकरण अभियान का निरीक्षण किया। इस विद्यालय में 1050 बच्चों को टीकाकरण होना था जिसमें से सिर्फ 692 बच्चों के टीके लगे होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से छूटना नहीं चाहिए।सभी 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण शत प्रतिशत पूर्ण किया जाए। खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकत्ते भी शामिल है। इस बीमारी से बचाव के लिए सभी बच्चों को मीजिल्स रूबैला का टीका जरूर लगवाया जाए। डीएम ने कहा कि जर्मन खसरा (रूबेला) रोकने के लिए रूबेला का मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा हैं। खसरा रोकने के लिए ही टीका लगता है। यह टीका खसरा मीसल्स के टीके के साथ मिलाकर तैयार किया गया है।
रुबेला एक व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह बीमारी हवा में काफी तेजी से फैलाती है। इसका वायरस सिर्फ इंसानों से ही फैलता है। रुबेला तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की संभावना होती है। रुबेला से हल्का बुखार और रैश होती है लेकिन अगर गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी हो तो बच्चा दिव्यांग पैदा हो सकता है। बच्चे कान और आंख से दिव्यांग भी होते हैं दिमागी तौर पर कमजोर, कई बच्चों में यह मधुमेह का कारण भी बन सकता है।