बिल्सी बदायू में तीन दिवसीय तथागत गौतम बुद्ध लीला का दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर शुभारंभ किया
बदायूँ: सम्राट अशोक गौतम बुद्ध विकास समिति ग्राम बघौल बिल्सी बदायू में तीन दिवसीय तथागत गौतम बुद्ध लीला का दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर शुभारंभ किया मुख्य अतिथि माननीय पूर्व मंत्री गेदन लाल मौर्य जी, डॉ०बी०पी० मौर्य जी ने किया गेदन लाल मौर्य ने कहा जीवन के उत्तरार्ध में अशोक तथागत बुद्ध (सिद्धार्थ गौतम) की मानवतावादी शिक्षाओं से प्रभावित होकर बौद्ध हो गये और उन्ही की स्मृति मे उन्होने एक स्तम्भ खड़ा कर दिया जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल, लुम्बिनी मे मायादेवी मन्दिर के पास अशोक स्तम्भ के रुप मे देखा जा सकता है। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। डॉ बी ०पी० मौर्य जी ने कहा भगवान गौतम बुद्ध एक गांव में भोजन की तलाश में निकल गए फिर वहां थोड़ा सा भोजन गृहण किया। इसके बाद वह कठोर तपस्या छोड़कर एक पीपल के पेड़ (जो अब बोधिवृक्ष के नाम से जाना जाता है) के नीचे प्रतिज्ञा करके बैठ गए कि वह सत्य जाने बिना उठेंगे नहीं। वह सारी रात बैठे रहे और माना जाता है यही वह क्षण था जब सुबह के समय उन्हें पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उनकी अविजया नष्ट हो गई और उन्हें निर्वन यानि बोधि प्राप्त हुई और वे 35 वर्ष की आयु में बुद्ध बन गए।अमर मौर्य,यशवीर मौर्य, श्याम सिंह शाक्य, सत्यवीर शाक्य, हर नंदन शाक्य आदि