बदायूँ: जैविक उत्पाद पर मिलता है दोगुना मूल्य

बदायूँ:रासायनिक खेती न केवल स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही है, बल्कि भूमि की उर्वरक शक्ति खत्म कर ज़मीन को बंजर बना रही है, इसलिए दिन प्रतिदिन जैविक खेती के उत्पादों की मांग बढ़ रही है और जैविक उत्पाद दोगुने से अधिक मूल्य पर बिक रहे हैं। जनपद के प्रगतिशील कृषकों को चाहिए कि परपंरागत कृषि को छोड़कर जैविक खेती करें।
शुक्रवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने चैपाल सागर पहुंचकर तीन दिवसीय कृषि मेला एवं गोष्ठी के अवसर पर उक्त विचार व्यक्त किए। डीएम ने माँ सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम शुभारंभ किया। डीएम ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेती में रासायनिक खादों का प्रयोग कतई न करें। मछली, बकरी, मधु पालन से कृषक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। फसलों में वर्मी कम्पोस्ड का प्रयोग करें। कृषक अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए बागवानी, औषधि, मिर्च, हल्दी, मशरूम, फूलों की खेती आदि से आमदनी बढ़ा सकते हैं। जनपद के प्रगतिशील कृषक परपंरागत कृषि को छोड़कर जैविक खेती करें। कृषक अपना पंजीकरण अवश्य कराएं, जिससे शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके।
आईटीसी के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को फूलमाला पहनाकर, शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया और डीएम ने जैविक करने वाले प्रगतिशील कृषक नरेश कुमार शर्मा को डीएम ने फूलमाला पहनाकर, शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। उप निदेशक कृषि रामवीर कटारा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए किसानों को जैविक खेती करने के लाभ बताते हुए कहा कि किसान धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर लौट रहे हैं। कृषक नरेश ने जैविक खेती करने के लिए कृषकों को प्रेरित किया। इससे पूर्व डीएम ने चैपाल सागर के माॅल का भी भ्रमण किया।

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