दिल्ली: जहाजरानी मंत्रालय ने वाराणसी में 156 करोड़ रुपये के फ्रेट विलेज को मंजूरी दी
फ्रेट विलेज एक ऐसा निर्दिष्ट क्षेत्र है जहां परिवहन के विभिन्न साधन, माल वितरण और अन्य लॉजिस्टिक्स सुविधाएं सिंक्रनाइज तरीके से बड़े पैमाने पर उपलब्ध होती हैं। फ्रेट विलेज का मुख्य कार्य परिवहन के विभिन्न साधनों का प्रबंधन एवं उपयोगिता सुनिश्चित करना, उनमें तालमेल बिठाना और मौजूदा परिवहन साधन से भीड़भाड़ को कम करना है। फ्रेट विलेज बुनियादी तौर पर एक कार्गो एग्रीगेटर होता है जो शिपर/कार्गो मालिक को विभिन्न लॉजिस्टिक विकल्प यानी रेल-सड़क, रेल-जलमार्ग, सड़क-जलमार्ग आदि प्रदान करता है। पसंदीदा लॉजिस्टिक विकल्प कम इष्टतम/ सबसे कम लॉजिस्टिक लागत पर आधारित होता है जो शिपर/कार्गो मालिक से वसूला जा सकता है। माल ढुलाई संबंधी विभिन्न गतिविधियां एक ही छत के नीचे उपलब्ध होने और उनमें समन्वय से कारोबारी सुगमतता सुनिश्चित होती है। साथ ही इससे ट्रक क्षमता का बेहतर उपयोग संभव हो पाता है और इससे कारोबारी गतिविधियों एवं आर्थिक दक्षता में सुधार हो सकता है।
विश्व बैंक के एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन में पाया गया कि वाराणसी फ्रेट विलेज के लिए एक उपयुक्त जगह है। यह शहर सामरिक दृष्टि से उपयुक्त जगह पर स्थित है और यह ईस्टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्स श्रृंखला का मध्य बिंदु है जहां से राष्ट्रीय जलमार्ग-1, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी), राष्ट्रीय राजमार्ग-7 और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 गुजरते हैं। जल मार्ग विकास परियोजना के तहत बन रहे मल्टी मोडल टर्मिलन के चालू होने पर वाराणसी के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग पर यातायात में वृद्धि होने की उम्मीद है। वाराणसी मल्टी मोडल टर्मिनल के लिए यातायात की अनुमानित मात्रा 2020 तक 3.55 एमएमटी, 2025 तक 3.82 एमएमटी, 2035 तक 10.12 एमएमटी और 2045 तक 10.32 एमएमटी है। आईडब्ल्यूटी मल्टी मोडल टर्मिनल 2000 डीडब्ल्यूटी तक क्षमता वाले जहाजों को ठहराने में समर्थ होगा और वहां सिंक्रो-मोडलिटी के माध्यम से जेएमवीपी एवं ईडीएफसी से कार्गो यातायात की मात्रा में इस अपेक्षित वृद्धि को संभालने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं होंगी।
वाराणसी फ्रेट विलेज को लगभग 100 एकड़ भूमि पर विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण दो चरणों में- पहले चरण में 70 एकड़ और दूसरे चरण में 30 एकड़- किया जाएगा जिसकी कुल अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये है। इसके अलावा परामर्श सेवा एवं परियोजना प्रबंधन इकाई के परिचालन जैसे अन्य मदों में 45 करोड़ रुपये की निवेश पूर्व लागत होने का अनुमान है।
फ्रेट विलेज की भूमि का मालिक आईडब्ल्यूएआई होगा लेकिन इसका कुछ हिस्सा लॉजिस्टिक्स कंपनियों और जलमार्ग से संबंधित विनिर्माण एवं व्यापारिक कंपनियों को बाजार स्थितियों के अनुसार तय मूल्यों एवं निर्धारित शर्तों पर पट्टे पर दिया जाएगा ताकि वे अपना कारोबार स्थापित कर सकें। यह फ्रेट विलेज कंटेनर, बल्क एवं ब्रेक-बल्क कार्गो, तरल थोक और बैग वाले कार्गो सहित विविध कार्गो प्रोफाइल को अपनी सेवाएं मुहैया करा सकता है।