मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ करते नंद किशोर पाठक एवं अन्य।

उसहैत/उसावां
स्थानीय कस्बे में बीआरसी भवन पर समेकित नोडल टीचर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे चरण के प्रथम दिन मां सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ।समेकित शिक्षा के अंतर्गत प्रशिक्षक रजनीश कुमार पाठक ने द्रष्टि बाधित दिव्यांग बच्चों को किस तरह पढ़ाया जाए , इसमें ब्रेल एवं अवेकश आदि के माध्यम से शिक्षण कार्य करने के तरीके सिखाए। प्रशिक्षण में शामिल प्रशिक्षक ब्रजेश कुमार ने कहा आंखें ही व्यक्ति का अमूल्य अंग हैं इनके बिना सब कुछ अंधकारमय हो जाता है।लेकिन ईश्वर जब ऐसे बच्चों को उनकी रोशनी बाधित करता है तो उसे और विशेष दिव्य शक्ति प्रदान करता है हमारे शिक्षक भाइयों को उस ईश्वरीय शक्ति को निखारने का कार्य करना है। उन्होने बौद्धिक अक्षमता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मानसिक मंदता और मानसिक बीमारी में अंतर समझाते हुए इसके उपचारात्मक पहलुओं पर भी चर्चा की जिसमें सभी प्रतिभागियों की बेहतरीन सहभागिता रही।
कार्यक्रम में प्रशिक्षक रजनीश कुमार पाठक एवं ज्ञानेन्द्र पाल ने 21 प्रकार की दिव्यांगता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुहम्मद जीशान, शाकिर अली, नवनीत सत्यम मिश्रा,एनके पाठक, , विनोद पाल, हेमेंद्र सिंह, राकेश कुमार, रामसेवक वर्मा तथा अशोक कुमार सिंह ने चर्चा में भाग लिया।

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